संदेश
कलम चल पड़ती है मेरी - कविता - संदीप कुमार
बस कलम यूँ ही चल पड़ती है मेरी। राह में चलते कभी, किसी का दीदार कर। बेवफ़ाई में कभी, कभी किसी के प्यार पर। भीड़ में कभी, तो कभी रात की तन…
ओ सुकोमल कविमन - गीत - पारो शैवलिनी
तुमने बहुत से गीत रचे हैं मेरे लिए आज फिर से रचो, कोई गीत नया मेरे लिए, ओ सुकोमल कविमन! रच डालो फिर से गीत नया मेरी कोमल पँखुड़ियों पर…
आधुनिक साहित्यकार - व्यंग्य लेख - सुधीर श्रीवास्तव
नमस्कार दोस्तों! हाँ मैं छपासीय संस्कृति का आधुनिक साहित्यकार हूँ। अब ये आप की कमी है कि अभी तक आप पुरातन युग में ही जी रहे हैं। अरे …
क़लमकार फिर भी लिखता है - कविता - विजय गोदारा गांधी
हर बाज़ार, रहे खाली हाथ, तब पता चला सच कब बिकता है। सो कोशिशें बेकार गई, नसीब से ज़्यादा किसे मिलता है। मेरी तस्वीर में सूरत उनकी, आईना …
पत्रकार और लेखक का महत्व - आलेख - विकाश बैनीवाल
पत्रकार का महत्व है क्षेत्र विशेष की सूचनाओं, समाचारों को प्रदेश के कोने-कोने तक पहुँचाना है और हर क्षेत्र की जानकारी अवगत करवाना है। …
प्रेरक बनीं यादें - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
शौक़ शायरी का मुझे यूँ लगा था, दिल को अपना गंवा जो दिया था। आवाज़ उसकी मधुर इतनी लगती, कि उसी की ही धुन में खो मैं गया था। कली जैसी …
घर का रास्ता - कविता - डॉ. अवधेश कुमार अवध
यह कविता अवध की लेखनी से जन सरोकार के महाकवि श्रद्धेय मंगलेश डबराल जी को विनम्र श्रद्धांजलि है। जनकवि मंगलेश डबराल हिंदी के सहज सरल सं…
मैं लिखता हूँ - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
मैं कलम-तलवार लिए घर से निकलता हूँ, दिल-ए-दर्द पर बहुत भारी वार करता हूँ। मैं हूँ एक अलबेला-सा मस्तमौला ऐसा, ग़म और खुशी की कविताएं लिख…
कलम की मिसाल - कविता - आशाराम मीणा
कलमकार हूँ कलम की मिसाल लिखता हूँ। नापाक दिलो को पाक करे वो नजीर लिखता हूँ।। जो टूट चुके उन पैमानों का नाप लिखता हूँ। इंसानियत को राह …
कलम भी कहती - कविता - श्याम "राज"
कहानी लिखता जाऊ कविता लिखता जाऊ मैं ठहरा कलम का सिपाही अब तो हर बात लिखता जाऊ पर... रोती है अब तो कलम भी मेरी जब समसामियकी घटनाओं क…
लेखक का सपना - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
लेखक का सपना क्या? वो तो खुद सपना है सपनों में ही जीता है सपनों में ही खाता पीता सोता है। हसीन सपने देखता/दिखाता है, सपनों का स…
साहित्य जगत के अनमोल रतन : मुंशी प्रेमचंद - आलेख - अतुल पाठक "धैर्य"
प्रेमचंद बहुमुखी प्रतिभा के गुणी साहित्यकार थे। उन्होंने अपनी रचनाओं में जन साधारण की भावना, परिस्थितियाँ और उनकी समस्याओं का बखूबी…
महाकवि संत तुलसीदासः व्यक्तित्व और कर्तृत्व - आलेख - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
हिन्दी साहित्यकाश का कविकुलकुमुद कलाधर कविवरेण्य महाकवि गोस्वामी संत तुलसीदास जाज्वल्यमान भास्कर हैं। वे न केवल एक महान् सन्त और…
कलमकार - कविता - सौरभ तिवारी
कहाँ गए वो कलमकार जो सच को सच लिख पाते थे, जिनके शब्दों की गर्जन से सिंघासन भी हिल जाते थे । चौथा खम्बा लोकतंत्र का और समाज क…
कोरोना वायरस ने लॉक डाउन में लेखन को एक नया आयाम दिया है - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
कोविड-19 के चलते लोग घरों में रहकर पॉजिटिव बने रहने के लिए अपने स्तर से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं ,ऐसे में वक्त की नजाकत को देखते ह…
नमन करूँ मैं पंत को - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
महा कवि सुमित्रानंदन पंत जी के लिए लिखी गई दोहे। सुमित्रानंदन पंत छायावादी महल का , स्तम्भोंं में सिरमौर। प्रकृति …