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लॉकडाउन 3 और मधुशाला - गीत - अजय गुप्ता "अजेय"
यह रचना उस समय लिखी गई थी जब लॉकडाउन 3 में पंजाब व अन्य राज्यों के दबाव के कारण ठेके खोले गए थे और जिससे सड़कों पर लम्बी लम्बी लाइन लगा…
मधुशाला- एक उन्माद - कविता - कर्मवीर सिरोवा
गया एक बार मैं अपने सपने का इंटरव्यू देने, उस रास्ते बीच मँझधार नज़र आई मधुशाला अपने, जिसे देख ठिठक गए हर किसी के सपने, मुझें लगा अजीब,…
मदिरा - कविता - शेखर कुमार रंजन
ना जाने क्यों? कुछ लोग, मदिरा को अमृत समझते है। हर वक्त इनके दिलों-दिमाग में, मदिरा ही बसते है। ना जाने क्यों? कुछ लोग, मदिरा…
भीड़ लगी है मधुशाला मे - कविता - भरत कोराणा
भीड़ भरी भगदड़ है भारी लोग खड़े मदिराआलय पर उधर थार मे पानी नही है इधर दारू हित भीड़ लगी है। शर्म करो सिहासन वालों गरीब हित …
मधुशाला सज महफ़िलें - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
गज़ब नीति सरकार की,कर मदिरा व्यापार। विकट आपदा है वतन , जनता है लाचार।।१।। मधुशाला फिर से सजी ,नशाबाज गुलज़ार। गज़ब रोग उपचार …
चौपट हुयी सब अर्थव्यवस्था पूर्ण करेगी मधुशाला - कविता - बजरंगी लाल यादव
लाँक डाउन ने ऐसा ढ़ाला, लगा दिया चहुँ ओर है ताला, चौपट हुयी सब अर्थव्यवस्था, पूर्ण करेगी मधुशाला। बन्दी न…