संदेश
युवा दिवस - दोहा छंद - ओम प्रकाश श्रीवास्तव
युवा दिवस है मन रहा, हिन्द देश में आज। संत विवेकानंद का, जन्मदिवस मय साज॥ गर्व सन्त पर कर रहे, भारतवासी आज। इसी सन्त ने हिन्द की, रखी …
निराकार साकार प्रभु - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
निराकार साकार प्रभु, गुण निर्गुण अस्तित्व। भजे मनुज जिस रूप में, दिखे ईश व्यक्तित्व॥ लीलाधर लीला मधुर, सगुण रूप साकार। नर नारी बहु रूप…
नया साल हो मांगलिक - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
नया साल हो मांगलिक, नई सोच नव धेय। राष्ट्रभक्ति नव शौर्य बल, पौरुष सत्पथ गेय॥ भूल सकल अवसाद को, घटना घटित अतीत। नव उमंग नव चिन्तना, बढ…
अटल बिहारी वाजपेयी - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
करूँ अटल सादर नमन, भारत रत्न प्रणाम। अर्पित है श्रद्धा सुमन, महापुरोधा नाम॥ कालजयी योद्धा प्रखर, राजनीति अतिश्रेष्ठ। विश्व महानायक शिख…
मायूस - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
गिरी अचानक आपदा, भाग्य रहे हम कोस। धरे हाथ पर हाथ हम, करते बस अफ़सोस॥ मिले राह गुमराह को, नई सीख हर हार। बने धीर साहस सबल, मिले धार पत…
पूजन छठ रवि अर्चना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | छठ पूजा पर दोहे
पूजन छठ रवि अर्चना, माँगूँ मैं भगवान। कतरा-कतरा रक्त तनु, करूँ राष्ट्र बलिदान॥ पल-पल जीवन दूँ वतन, यत्न देश निर्माण। रखूँ दर्द सम्वेद…
दीप जले सद्भावना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | दिवाली पर दोहे
दीप जले परहित मदद, बचपन ज्ञानालोक। मिटे अंधेरा दीनता, भूख प्यास तम शोक॥ सागर मंथन से प्रकट, धन्वन्तरि भगवान। दीप जले जय सुख विभव, ख़ुशि…
उचित सम्मान - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मातु पिता गुरु श्रेष्ठ को, सदा उचित सम्मान। सच में संजीवन बने, करते जीवन दान॥ सदाचार शिक्षण मिले, शिक्षा नैतिक ज्ञान। मानवीय मूल्यक सद…
रच दे पौरुष राष्ट्र हित - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
रचना कविता काकिली, करे वक्त का गान। दशा दिशा सुख दुख यथा, करती कर्म बखान॥ नवप्रभात नव प्रगति पथ, रचो कीर्ति अभिराम। क्या पाया क्या …
नव हिन्दी नव सर्जना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | हिंदी दिवस पर दोहे
माथे की बिंदी वतन, हिंदी है अविराम। हिन्दीमय सारे जहाँ, भारत है सुखधाम॥ प्रमुदित है संस्कृत सुता, पुण्य दिवस पर आज। हिन्दी हिन्दुस्…
रक्षा बन्धन या राखी - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | रक्षाबंधन पर दोहे
आज श्रावणी पूर्णिमा, राखी का त्यौहार। उत्सव भाई बहन का, प्रेम सरित रसधार॥ कच्चा धागा प्रेम का, पक्का धागा प्रीति। भाई बहन अद्भुत मिलन,…
आज़ादी हमको मिली - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | स्वतंत्रता दिवस पर दोहे
सावन मनभावन सरस, सुरभित हवा प्रवाह। बलिदानों की याद बन, आज़ादी उत्साह॥ आज शहीदों को नमन, त्याग तपस्या मंत्र। आज़ादी हमको मिली, सार्वभौम …
मेघ, सावन और ईश्वर - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | सावन पर दोहे
बरसी सावन की घटा, गरजे मेघ प्रचण्ड। ईश्वर शिव पूजन जगत, भारत बने अखण्ड॥ सती नाथ झूला झुले, सावन पावस मास। भूत प्रेत नंदी स्वजन, ना…
पुण्य भाग्य आगम अतिथि - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
अतिथि देवता तुल्य है, चिर पूजित संसार। मान दान सेवा नमन, ईश्वर का अवतार॥ अतिथि गेह आगम सुखद, पावन मिलन सुयोग। कुशल क्षेम चर्चा विवि…
सुनो तनिक राधा सखी - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सुनो तनिक राधा सखी, लाओ मधुरिम हाथ। गाओ मुरली आज तू, मैं हूँ गैया साथ॥ लीलाधर यशुमति लला, समझ रही तुझ चाल। मैं तेरी जीवन सखी, नहीं …
परिभाषा नारी कठिन - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
परिभाषा नारी कठिन, महिमा कठिन बखान। हे अम्बा धरणी जयतु, कठिन मातु सम्मान॥ लज्जा श्रद्धा मातृका, ममतांचल संसार। क्षमा दया करुणा हृदय…
ऋतुओं का महत्त्व - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सुष्मित कुसुमित प्रकृति यह, सुरभित जीवन लोक। सूरज चंदा अहर्निश, हरे तिमिर जग शोक॥ षड् ऋतुओं में प्रकृति सज, विविध रूप शृङ्गार। शीता…
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