संदेश
गन्धमाद सुरभित वतन - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
हो मंगलमय अरुणिमा, खिले प्रगति जग फूल। दया धर्म करुणा हृदय, परहित नित अनुकूल।।१।। रहें बिना दुर्भाव का, मानस बने उदार। भारतमय अ…
सकारात्मक सोच है सुख का रहस्य - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सकारात्मक सोच तो जिंदगी बदल देती है। कहते हैं कि सकारात्मक विचार एवं नकारात्मक विचार बीज की तरह होते हैं, जिन्हें हम दिमाग रुपी ज…
संघर्ष - कविता - अतुल पाठक
कभी मुश्किलों के आगे, अपनी हिम्मत को टूटने मत देना। जब भी सामना हो मुश्किलों से, माता-पिता के संघर्ष को याद कर लेना। हर बड़ी मु…
बाढ़ विभीषिका - कविता - सुनीता रानी राठौर
सावन में उफनती तीव्र वेग से नदियां कभी वरदान कभी अभिशाप बनती। टूट जाते जब नये बांध और पुलिया आम जन के हृदय में दहशत भरती। विकर…
बेटी - सजल - संजय राजभर "समित"
संस्कृति की धार है बेटी ! आन-बान व सार है बेटी !! गुरु लघु और ब्रह्मांड सा रूप ! सृष्टि की आधार है बेटी !! कीचड़ उछाले गयें ह…
बच्चे - कविता - सतीश श्रीवास्तव
सुबह सुबह जब हो जाती है सब बच्चों से बात, लगता है सचमुच मिल जाती एक बड़ी सौगात। मन होता बेचैन घेरतीं जब भी दुख दुविधाएं, बच्चे दि…
आज के दिन का - कविता - कपिलदेव आर्य
आज के दिन का, मधुर मिलन का, मन से मन का, तुम कर लो वंदन! रीत के रथ पर, प्रीत के पथ का, हाथ थामकर, कर लो अभिनंदन! नई उमंग का,…
प्रभु की लीला - सत्यकथा - सुधीर श्रीवास्तव
जीवन में कभी कभी ऐसा कुछ अचानक घटित हो जाता है कि मानव स्वाभाविक रूप से तन, बमन, धन, से परेशान हो जाता है, समय/किस्मत खराब है, ईश्व…
फ़ना होके भी तेरा आवाज देना - ग़ज़ल - सुषमा दीक्षित शुक्ला
वो उजड़ा चमन याद आता रहा है । सुहाना समा दिल जलाता रहा है । सुलगती शमा सा फ़क़त दिल ये मेरा । पिघलता पिघलता जलाता रहा है । ये घाय…
वतन के लिए - कविता - नूरफातिमा खातून "नूरी"
है जान निसार वतन के लिए, सर झुकाए हैं नमन के लिए। गरीबों का सहारा बनो, सबकी आंखों का तारा बनो। सब छोड़ देंगे अमन के लिए, ह…
रेत सी फ़िसलती जिंदगी - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
रेत सी फ़िसलती जिंदगी, पल दो पल की अनिश्चित, जलभ्रमर में फँसी दुर्लभ, प्राणियों में श्रेष्ठतर मानवी, अहंकारी मदोन्मत्त जिंदगी।…
वृक्ष का महत्व - कविता - मधुस्मिता सेनापति
वृक्ष जीवन का आधार है देता है जो सबको अपना शीतल छाया वही धरती का श्रृंगार है......!! वृक्ष ईश्वर का वरदान है जो खुशबू से जग क…
मौसम ले रहा है अंगड़ाई - ग़ज़ल - मोहम्मद मुमताज़ हसन
कोई आया आहट हुई, दिल पे मेरे दस्तक हुई! मौसम ले रहा है अंगड़ाई, मिलने की फिर चाहत हुई! खुद से अब डर लगता है, तन्हाई से वहशत …
अच्छा लगता है - कविता - अनुभव मिश्रा
नफा-नुकसान चाहत का ओ अनुभव हम ना कुछ जानें। हमें बस उस कली का मुस्कुराना अच्छा लगता है।। कि जब खिड़की पे वो आए हवा का रुख बदल …
भीगा समाँ - कविता - कपिलदेव आर्य
भीगा समाँ, भीगा आसमाँ, भीगा देखो यौवन उसका! चोली भीगी, आँचल भीगा, और मदहौशी सावन भीगा! अलकें भीगी, पलकें भीगी, गोरी झूम- झ…
जन्मदिन - कविता - विभा कुमारी
जन्मदिन है आज तुम्हारा, तुम्हे शत् शत् बार बधाई है। जो बीत गया वो दौर बुरा था, नव सृजन करो नव निर्माण करो। नव श्फ़ुर्ति का संचार…
बेटियाँ - कविता - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल"
सुख वैभव समृद्धि सफलता, प्रगति बेटियाँ हैं। कभी सेंकती नरम मुलायम, गरम रोटियाँ हैं। बुद्घि प्रखरता में हैं आगे, ऊर्जा का मण्डार- …
इठलाती यौवन - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
गंगा सम निर्मल पावन मुख, चन्द्रप्रभा शीतल कान्ति मुखर। नव अरुणिम अस्मित मधुराधर, कमलनैन पाटल तनु सुन्दर।। …
मेरे भारत की नदियाँ - गीत - राहुल सिंह "शाहावादी"
मेरे भारत की नदियाँ है, इस धरती की शान। पावन गंगा मैया जैसी, हम इनकी लेते आन।। मेरे भारत---------…
ख्वाब हर दिन बुना कीजिए - ग़ज़ल - अंदाज़ अमरोहवी
दुश्मनो से मिला कीजिऐ । यूँ इबादत किया कीजिऐ ।। बस यही राह जीने की है । खवाब हर दिन बुना कीजिए ।। कोई कुछ भी न कर …
मेरा भारत महान - कविता - श्रीकान्त सतपथी
हे अमर राष्ट्र के अमर वीर तू भारत को पुकार दे, दया, धर्म, सत्कर्म से अन्याय, पाप से मार दे भारत के जन-जन में तिरंगा ही तो प्राण…
अब तू ग़ैर है - ग़ज़ल - आलोक कौशिक
मैं जानता हूँ कि अब तू ग़ैर है मुझे जीना भी तेरे बग़ैर है फिर भी मोहब्बत है तुझसे मेरे दिल को मुझसे ही बैर है बसा रखा है त…
अहसास - ग़ज़ल - संजय राजभर "समित"
नाज़-ए-हुस्न से जो पहल हो गई। मौत भी आज से तो सरल हो गई।। मोहिनी, कमल नयनी बँधी डोर सी। सर्पिणी सी लिपट मय गरल हो गई।। इश्क़ …
काश वक़्त मिल जाए - कविता - दीपक कुमार पंकज
सोच रहा हूँ मेरे लिए तुझे थोड़ा वक़्त मिल जाए खिल उठे मेरा अंत:मन मानो जैसे गुनहगार को थोड़ा सा रहम मिल जाए दिन दोपहर की मेरी …
तेरी मर्ज़ी - कविता - कपिलदेव आर्य
चाहतें सारी हमने तेरे नाम कर दी, वफ़ा कर या दग़ा, अब तेरी मर्ज़ी! तेरे लबों पर सब मुस्कानें रख दी, अब हंसा हमें या रूला, तेरी म…
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