संदेश
ऐ वतन - गीत - रौनक द्विवेदी
रुत आती-जाती रहती है बलिदानी की, तेरे अस्मत पे मर-मिट जाने की। जान दे के करेंगे तेरा जतन, तू करना न ज़रा भी फ़िकर ऐ वतन। ऐ वतन। तेरी मि…
वतन - आल्हा छंद - महेन्द्र सिंह राज
वतन हमारा भारत प्यारा, हम सब जन हैं उसकी शान। अपनी संस्कृति सबसे प्यारी, जो है भारत की पहचान।। इस धरती का मान बढा़ए, राम कृष्ण जैसे …
ये अपना वतन है - गीत - जे. पी. सहज
नफ़रत की दीवार, हमको नहीं चाहिए, ये मज़हबी तकरार, हमको नहीं चाहिए। ये अपना वतन है, प्यारा वतन है हम सबका वतन है, ये सारा वतन है ये अप…
मिले प्रतिष्ठा तब वतन - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
समझो ये चेतावनी, करे जो देश विरोध। भूल प्रतिष्ठा वतन की, बने प्रगति अवरोध।।१।। शौर्य वीर सीमा वतन, उद्यत नित बलिदान। तजो स्वार्थ द…
वतन - ग़ज़ल - ज़ीशान इटावी
सियासत में जो आए हो तो इतना काम कर देना, तुम अपनी ज़िन्दगी अपने वतन के नाम कर देना। जुदा भाई को भाई से करे नफ़रत जो फैलाए, तुम ऐसी सा…
वतन से जुड़ो - कविता - नमन शुक्ला "नया"
आज तक तुम जिये हो, कलह-स्वार्थ में, अब तनिक राष्ट्र के संगठन से जुड़ो। जाति, भाषा, धरम, प्रान्त सब भूल कर, हिन्द की पूज्य धरती, वतन से…
निशान-ए-इश्क़ - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
हँसते-हँसते ही जो मिट गये, सर चढ़ा अपनी माँ की कोख़ में, अलामत-ए-इश्क़ कुर्बान वतन पर, शहीदान-ए-वतन की ख़ाक पर। तेरी मिट्टी से इश्…
चढ़ो सुमन बन निज वतन - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
जीवन है बहु कीमती, नश्वर पर बहुमूल्य। पलभर का चितचोर जग, है अनमोल अतुल्य।।१।। मणि मुक्ता धन सम्पदा, सब जीवन आलम्ब। कर लो कुछ सत्काम ज…
वतन मेरा - कविता - विनोद निराश
वतन मेरा प्यारा, हिन्दुस्तान है , यही मेरा मान, यही अभिमान है। गोद में खेले है जिस, मिटटी की, वही आज हमारी देखो पहचान है। ऊँचा हि…
गन्धमाद सुरभित वतन - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
हो मंगलमय अरुणिमा, खिले प्रगति जग फूल। दया धर्म करुणा हृदय, परहित नित अनुकूल।।१।। रहें बिना दुर्भाव का, मानस बने उदार। भारतमय अ…
हो रामराज्य निर्भेद वतन - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
मेरे सपनों का भारत जग, सुरभित सुष्मित अभिराम बने। बिन दिन दुःखी समता मूलक, शिक्षित उन्नत सुखधाम बने। हो पूर…
जय भारत माँ जय हिन्द वतन - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
क्षणभर का अनुपम जीवन जग, आओ नूतन पुरुषार्थ करें। चढ़ भारत की बलिबेदी पर, नित अमर कीर्ति परमार्थ करें। लाएँ अरुणिम खुशियाँ हम, …
शौर्य मुदित सीमा वतन - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
शौर्यशक्ति से शान्ति हो, प्रेमशक्ति सम्मान। त्याग शक्ति सुख प्राप्ति हो, राष्ट्र शक्ति अभिमान।।१।। मातृभूमि …
नमन शहीदों वतन प्यार पे - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
शहादत शहीद अरु मोहब्बतें, ध्वजा तिरंगा हाथ थाम के। बने सारथी मातु भारती, चले विजय रण कफ़न बांध के। न…
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