रौनक द्विवेदी - आरा (बिहार)
ऐ वतन - गीत - रौनक द्विवेदी
रविवार, अगस्त 15, 2021
रुत आती-जाती रहती है बलिदानी की,
तेरे अस्मत पे मर-मिट जाने की।
जान दे के करेंगे तेरा जतन,
तू करना न ज़रा भी फ़िकर ऐ वतन।
ऐ वतन।
तेरी मिट्टी से बना फ़ौलादी,
तेरी मिट्टी में मिल जाना है।
दिल की ये हसरत पूरी हो जल्दी,
दिन वो मुझको लाना है।
फिर महकाएँगे तेरा चमन,
तू करना न ज़रा भी फ़िकर ऐ वतन।
ऐ वतन।
हिंद देश का हूँ मैं दिवाना,
दुनिया को दिखाना है।
जब-जब उठेगी नापाक नज़रे,
क़दमों में तेरे झुकाना है।
शान-ए-तिरंगे को लहराएँगे गगन,
तू करना न ज़रा भी फ़िकर ऐ वतन।
ऐ वतन।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर