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विधा/विषय "बात"
बात - दोहा छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
शुक्रवार, दिसंबर 24, 2021
कौन कहाँ अति बोलता, कौन कहाँ सहि लेत। सहिष्णुता भारी पड़ी, चक्रवात सम बेंत।। बात होत है मधुकरी, प्राण देय बल गात। अपशब्दन की कोठरी, जस…
बात बिगड़ गई बात बताने में - ग़ज़ल - रोहित गुस्ताख़
शनिवार, अप्रैल 24, 2021
अरकान : फ़ेल फ़ऊलुन फ़ेल फ़आल तक़ती : 21 122 21 121 बात बिगड़ गई बात बताने में, यार हिचकते हाथ मिलाने में। चौकीदार चुरा ले गया जेबर, लोग बिज…
कोई बात दबी हैं - नज़्म - कर्मवीर सिरोवा
गुरुवार, अक्तूबर 08, 2020
तेरे नूरानी बदन पे कसक कोई सजी हैं, तुझसे मिलकर कह दूँ होठों में कोई बात दबी हैं। मिन्नतें तमाम अज़ीज़ों की मेरे संग काफ़िर गुजरी हैं,…
बात न जाने - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
सोमवार, अगस्त 10, 2020
कँहा गयी वो बात न जाने। बिगड़े क्यों हालात न जाने। ठीक- ठाक लगता था सब कुछ बदले क्यों जज़्बात न जाने आज जीत के दरवाज़े पर घूम रह…
समय समय की बात - ग़ज़ल - समुन्दर सिंह पंवार
रविवार, अप्रैल 19, 2020
समय - समय की बात हों सैं कदे दिन बड़े कदे रात हों सैं कदे पड़ज्या भयंकर सूखा कदे बाढ़ के हालात हों सैं कदे तारीफा की लगै झड़ी कद…