डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी" - गिरिडीह (झारखण्ड)
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अमर हुए जाँबाज़ - कुण्डलिया छंद - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
अमर हुए जाँबाज़ - कुण्डलिया छंद - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
मंगलवार, अप्रैल 06, 2021
सुकुमा की धरती हुई, आज रक्त से लाल।
परिजन सारे रो रहे, होकर के बेहाल।।
होकर के बेहाल, तड़पते घायल सैनिक।
ज़ालिम चलते चाल, हया भी आज गई बिक।।
ममता कहती आज, लगी जन-जन को सदमा।
अमर हुए जाँबाज़, व्यथित अतिशय है सुकुमा।।
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