संदेश
मृत्यु : एक अखण्ड सत्य - कविता - सार्थक सिद्धू
पाषाण बन चुकें मेरे इस हृदय को एक दिन अनुभूति हुई इक गहरी, क्या अर्थ होता है मृत्यु का? ये जानने की इक प्रबल इच्छा सी ठहरी, देखा ज…
तुम अपना मृत्यु चुनो - कविता - सुरेन्द्र प्रजापति
अचानक आधी रात को मैं जगा उस जागने में पहले जैसी निश्चिंतता नहीं थी न कोई कारण जैसे सब कुछ हुआ हो अकारण ही, बल्कि गहन रात्रि के सन्ना…
नियति की निठुराई - कहानी - डॉ॰ वीरेन्द्र कुमार भारद्वाज
कृष्णापुर स्थानीय बस अड्डे पर बिरजू दिन के क़रीब नौ बजे से ही इधर-उधर चक्कर लगा रहा था। दूर से ही किसी यात्री गाड़ी को आता देखता तो बेस…
मृत्यु शैया - कविता - सुनीता भट्ट पैन्यूली
मृत्यु शैया पर जब देह पुरज़ोर संघर्ष करती है विभीषिका से... पसलियाँ एकजूट हो जाती हैं श्वास की लय से लय मिलाने को विरोध करती है नासिका…
मृत्यु - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
मृत्यु का क्या? उसे तो आना ही है, जीवन चक्र में मृत्यु ही परम सत्य है। जीवन का हर सत्य बदल सकता है, परंतु मृत्यु की अपनी अट…
सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु हत्या या आत्महत्या - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
विगत दिनों फिल्मी परदे के चमकते सितारे सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक मृत्यु से पूरे देश को बड़ा झटका लगा है। अभिनेता के फैंस एवं अन…