संदेश
बिन तेल की बाती - कविता - मयंक द्विवेदी
देख बिन तेल की बाती को रजनी के अंधेरे भाग रहे देख धधकती ज्वाला में अपने सूत के अंग-अंग को आनंद की इस अनुभूति में प्राणों की थाती देकर…
दिया रूपी जीवन - कविता - लक्ष्मी दुबे
थरथराता सहमा सा "दिया" रूपी जीवन अब अपने लौ के अंत को देखता है। अँधियारा सा हर ओर व्याप्त है कुछ बुझते हुए चिराग़ों को ये बड़…
आशादीप - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
आओ आशा दीप जलाएँ अंधकार का नाम मिटाएँ। 2 रूह जलाकर ज़िंदा रहना, जीवन की तो रीत नहीं। अंतिम हद तक आस न खोना, मानव मन की जीत यहीं। फूलों …
दीया और दीपावली - कविता - रतन कुमार अगरवाला
आओ मिलकर दिवाली मनाएँ, हर कोने में दिए जलाएँ, धरती का अंधकार मिटाएँ, दीया जलाएँ, क़ंदील जलाएँ। आशाओं के दीप जलाएँ, निराशा को दूर भगाएँ,…
दिए जलाएँ - गीत - भगवत पटेल 'मुल्क मंजरी'
आओ फिर से दिए जलाएँ। मिलकर तम को दूर भगाएँ। आडम्बर, प्रपंच, पाखण्ड से हरदम दूर रहें हम। ईर्ष्या, द्वेष कहीं न हो, न हो कोई ग़म।। छल क…
दिए आँधियों में जला कर दिखाओ - ग़ज़ल - आलोक रंजन इंदौरवी
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़ती : 122 122 122 122 दिए आँधियों में जला कर दिखाओ। मेरा दर्द भी अब मिटा कर दिखाओ।। बहुत मुश्किलो…
दीया याद का तुम जला लेना - कविता - गोपाल मोहन मिश्र
कहीं जब साँझ ढ़ले, दीया याद का तुम जला लेना! सुनसान सी राहों पर, साँस जब थक जाए, पथरीली इन सड़कों पर, जब चाल लड़खड़ाए, मृत्यु खड़ी हो …