सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
आशादीप - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
गुरुवार, नवंबर 04, 2021
आओ आशा दीप जलाएँ
अंधकार का नाम मिटाएँ। 2
रूह जलाकर ज़िंदा रहना,
जीवन की तो रीत नहीं।
अंतिम हद तक आस न खोना,
मानव मन की जीत यहीं।
फूलों से महकें महकाएँ,
ख़ुशियाँ दोनों हाथ लुटाएँ।
आओ आशादीप जलाएँ,
अंधकार का नाम मिटाएँ।
सूखे पत्तों से झड़ जाते,
इक दिन दुःखों के साए।
मीत हृदय को धीरज देना,
पतझड़ ही मधुमास बुलाए।
सूरज से चमके चमकाएँ,
जीवन का इक राग सुनाएँ।
आओ आशा दीप जलाएँ,
अंधकार का नाम मिटाएँ।
ख़ुद से कभी न रूठो मितवा,
कोई कितना तुम्हें सताए।
नदियों जैसे बहते रहना,
कोई कितनी रोक लगाए।
ख़ुशियों की सौग़ात सजाएँ,
दर्द दिलों के रोज़ मिटाएँ।
आओ आशा दीप जलाएँ,
अंधकार का नाम मिटाएँ।
जीवन को हँसकर के जी लो,
आओ उठकर भागो दौड़ो।
ग़म की बातें यार भुला दो,
बीत गया वो पीछे छोड़ो।
आओ सब मिल नाचे गाएँ,
ख़ुशियों की बारात सजाएँ।
आओ आशा दीप जलाएँ,
अंधकार का नाम मिटाएँ।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर