संदेश
मुझे साथ रहने दो - कविता - संजय कुमार चौरसिया
कश्ती डूब जाने दो, किनारा साथ रहने दो। समन्दर सूख जाने दो, रेत के साथ बहने दो। न आया बसंत तो जाने दो, पर पतझड़ साथ रहने दो। कली झुलस ग…
आओ सब एक हो चले - कविता - दीपक राही
मैं कहूँगा, आओ सब एक हो चले। अपने लक्ष्य की और आगे बढ़ चले, फिर कोई आएगा, आपके इरादों को, कुचल कर चला जाएगा, मैं फिर भी कहूँगा, आओ सब …
कौमी एकता - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
आपस मे अब युद्ध न करना, ऐ! भारत माता के लालों। बैरी देश हँसेंगे तुम पर, वो सोचेंगे लाभ उठा लो। आपस के मतभेद मिटा दो, मुठ्ठी सा बंध जाओ…
अनेकता में एकता - कविता - सुनील माहेश्वरी
आओ यारो फिर से, आदर्शवादी स्वरूप की, शृंखला से जुड़ जाएँ। लौकाचारी निर्मित करके, एक नई कहानी लिख जाएँ। हर वक़्त की कशिश में, सपने हज़ार ब…
एकता की शक्ति - कविता - सुनील माहेश्वरी
मैं हूँ साथ खड़ा तेरे, फिर डरने की क्या बात, हौसला उम्मीद से कर लेंगे, ये नौका भी पार। तू बन तो सही हिम्मत मेरी, कर थोड़ा विश्वास ज़रा, द…
एकता की नीति भारत संस्कृति - कविता - मधुस्मिता सेनापति
भारतीय संस्कृति विश्व की है निधि अमूल्य भाव से भरा है इसकी संपत्ति जिससे हम सभी को प्राप्त होती हैं नीरपेक्ष भाव की वह विधि.....!…