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विधा/विषय "सरसी छंद"
प्रेम के रूप अनेक - सरसी छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
रविवार, जनवरी 07, 2024
लेकर हाथ चाय का प्याला, खड़ी नारि सुकुमारि। खन-खन बाजे चूड़ी कंगन, पद पैजनि झंकारि॥ कमर बाँध स्वर्णिम करधनियाँ, बाजु बंद सरकार। नाक नथु…
प्रीति के रंग - सरसी छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
शनिवार, दिसंबर 10, 2022
भीनी-भीनी सुगंध लेकर, आयी पुरवा द्वार। तन मन भीगे-भीगे दिखते, दिलों प्रेम संचार॥ अंगन-अंगन हलचल दिखती, प्यार-मुहब्बत साथ। प्रेम-प्यार …
दिल को गंगा जली बना दो - सरसी छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
गुरुवार, अप्रैल 07, 2022
दिल को गंगा जली बना दो, तन वृंदावन धाम। घट-घट में अब बसा हुआ है, राधे-राधे नाम।। बिलख रही है सभी गोपियाँ, व्याकुलता का दौर। आस मिलन की…
राम का वन गमन - सरसी छंद - महेन्द्र सिंह राज
शुक्रवार, नवंबर 12, 2021
ज्ञात हुआ जब सीता जी को, बन को जाते राम। चरणों में सर रखकर बोली, सुनिए प्रभु सुखधाम।। अपने चरणों की दासी को, ले लो अपने साथ। पत्नि धर…
बूढ़ा राष्ट्रनायक बाबू कुँवर सिंह - सरसी छंद - डॉ. अवधेश कुमार अवध
बुधवार, अक्तूबर 21, 2020
धन्य अजय जोरावर चंदन, धन्य फतेह सुवर्ग। ऋषियों में भी अग्रपूज्य हो गए दधीचि व गर्ग। माँ को पता जरूरत जैसी, वैसे हुए सपूत- धन्य-धन्य मा…