संदेश
कृष्ण होना आसान नहीं किंतु नामुमकिन भी नहीं - लेख - सुनीता भट्ट पैन्यूली
ऐसा क्यों है कि बहुत सारे लोग मुझे जान नहीं पाते हैं?श्रीमद्भगवद्गीता में श्री कृष्ण ने कहा है। ऐसा इसलिए है शायद हम अपनी भौतिकता में…
तिरंगा - लेख - सुनीता भट्ट पैन्यूली
हवाओं में आज देश-भक्ति की प्रगाढ भावना इस तरह फैल गई है कि फ़िज़ाएँ ख़ुशबूदार हो गई हैं मेरा भारत महान की प्राकट्य लहर से। यूँ तो तिरंगे…
विषय, विचार और कामनाओं से मुक्ति ही स्वतंत्रता है - लेख - आर॰ सी॰ यादव
नीतिगत निर्णय लेना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है। यह एक ऐसी नैसर्गिक प्रतिभा जिसके बिना पर मनुष्य अपने गुण-अवगुण, यश-कीर्ति, हानि-लाभ और …
रुचा विजेश्वरी - लेख - दिव्या बिष्ट 'दिवी'
जैसा कि आप सभी जानते हैं सोशल मीडिया संचार का एक ऐसा विशाल माध्यम है जो पूरी दुनिया को जोड़े रखता है, ये एक 'वर्चुअल दुनिया' क…
एक क़दम अध्यात्म की ओर - लेख - लक्ष्मी सिंह
'अध्यात्म' एक ऐसा वाक्य जिसे सुनने मात्र से ही शान्ति पहुँचने लगती है हमारे हृदय को, अब सोचने वाली बात ये है कि जिसे सुनने से …
चलते जाओ मत ठहरो - लेख - प्रवेंद्र पण्डित
जीवन के पथ में भय वश यदि तन ठहर गया या मन ठहर गया तो, क्या हासिल होगा, गतिशीलता जीवन का मूल गुण है जिसके बिना जीवित मनुष्य निर्जीव देह…
मकर संक्रांति अर्थात शुभकारी परिवर्तन - लेख - सोनल ओमर
भारत वर्ष को संस्कृतियों एवं त्यौहारों का देश माना जाता है। ऐसे ही भारत का एक विशेष त्यौहार मकर संक्रांति है। संक्रांति का अर्थ है सुक…
लोहड़ी - लेख - सोनल ओमर
लोहड़ी पंजाबियों का लोकप्रिय लोक महोत्सव है जो पूर्व उत्तर भारत और मुख्य रूप से पंजाब में सिखों और हिंदुओं द्वारा हर साल 13 जनवरी को म…
शिक्षा का उद्देश्य - लेख - रेखराम साहू
प्रस्तुत विषय अपनी प्रकृति में इतना व्यापक, बहुआयामी, सूक्ष्म और जटिल है, कि इसे समझने के लिए जिस सहजता की अपेक्षा होती है, वह दुर्लभ …
सिमटता गाँव - लेख - अंकुर सिंह
जीवन के तीस बसंतों को पार कर चुका हूँ, जब कभी एकांत में बैठ कर बीते हुए वर्षों का अवलोकन करता हूँ तो लगता हैं कि समय ने दीवार पर टंगे …
पाँच दिनों का आगमन - लेख - अभिजीत कुमार सिंह
मैं कोई चिकित्सक नहीं हूँ ना ही मेरा दूर-दूर तक वैद्यक-संबंधित क्षेत्रों से नाता है किन्तु इस समाज का एक साधारण हिस्सा हूँ वो भी पुरुष…
मौन के लाभ हानि - लेख - सुधीर श्रीवास्तव
मौन की प्रवृत्ति आदि काल से चली आ रही है। प्रश्न मौन होने का नहीं समय, काल, परिस्थितियों के अनुरूप मौन के प्रतिउत्तर का है। सबको पता ह…
शहीदों के परिवारों के प्रति दायित्व - लेख - सुधीर श्रीवास्तव
बहुत ही गंभीर और चिंतन का विषय है कि शहीद परिवारों के प्रति हम, हमारा समाज और हमारी सरकारें कितना दायित्व बोध महसूस करती हैं या महज़ औप…