संदेश
इंतज़ार-ए-इश्क़ - नज़्म - मनोज यादव
क्या मुसीबत हो जो इतनी खूबसूरत हो । मैं अकेला इश्क करू तुमसे और तू सबकी जरूरत हो ।। मैं इंतजार करू तेरा तू बेकरार करे मुझको। …
इश्क़ हैं - नज़्म - अंकित राज
उसकी New Profile को बिना झपके घंटो देखती हैं तुम्हारी भी पलकों की पंखुड़ियां ..... तो इश्क़ हैं !! उसकी Typing पे ख़ुशी से का…
ज़िंदगी है हंसीं - नज़्म - सुषमा दीक्षित शुक्ला
दोस्त खुद से मोहब्बत किया कीजिये। जिंदगी को न यूँ, बददुआ, कीजिये बेख़ुदी में क़दम डगमगा गर गये। फिर से उठके सम्भलकर चला कीजिये। जि…
बेहद नफरत से मिलेंगे हम दोनों - नज़्म - अंकित राज
की अब के ज़ब मिलेंगे, तो बेहद नफरत से मिलेंगे हम दोनों,, अब के जो रास्तों में टकराएंगे, तो एक दूजे से नज़रें फेर लेंगे हम दोनों,,…
छोड़ आए - नज़्म - सलिल सरोज
कुछ किस्से और कुछ कहानी छोड़ आए हम गाँव की गलियों में जवानी छोड़ आए शहर ने बुला लिया नौकरी का लालच देकर हम शहद से भी मीठी दादी-नान…
फूल से खूशबू कभी जुदा नही होती - नज़्म - सुषमा दीक्षित शुक्ला
फूल से खुशबू कभी जुदा नहीं होती। पाकीज़गी प्यार की बेखुदा नहीं होती । है अगर कशिशे मोहब्बत रूह की। तो बाखूदा ये गुमशुदा नहीं ह…
क्यूँ जिंदगी की बंदगी - नज़्म - सुषमा दीक्षित शुक्ला
जो एक दिन ठोकर लगाती, वह जिंदगी है बेवफा । गले मिलकर साथ जाती, मौत ही वह दिलरुबा । पर मौत को नफरत मिले , बस प्यार पाए जि…