जिंदगी जीने का एक जरिया है - लेख - मधुस्मिता सेनापति

हम सभी के मन में कहीं ना कहीं इस सवाल जरूर उठता है कि आखिर यह जीवन और जिंदगी है क्या? हम सब ने इस जिंदगी और जीवन की परिभाषा जानने के लिए पूरी जिंदगी लगा देती है। हालांकि इस जीवन और जिंदगी हमें प्राप्त हुई है यह दुख और सुख दोनों के सम्मिश्रण से बने हैं। अगर हम इस जीवन जिंदगी और जी इस सभी घटनाओं को एक साथ जोड़ दें, तो हमें एक अनुभव प्राप्त होती है की इस दुनिया में हर कोई जेब एक एक वकील होता है और उनके जिंदगी का पहलू एक एक जज के तरह होते हैं, ओर उनके जीवन एक अदालत की तरह होता है। अगर हम इस घटनाक्रम को गौर से देखने की कोशिश करें तो पता चलता है कि हमें अपनी अदालत के रूप में जो जीवन प्राप्त हुई है, उसमें अपने कर्म के जरिए हम (जीव) अपने व्यक्तित्व को (व्यक्तित्व में भरी सकारात्मक दिशाएं और नकारात्मक दिशाएं) जिंदगी रूपी जज के सामने पेश करते हैं। पूरे घटनाक्रम में जीव अपने संपूर्ण अनुभूति, अनुभव की वकालत में लगा रहता है। हममें से हर कोई अपने अच्छाई की गुणगान करने में अधिक रुचि रखते हैं। तो कुछ लोग बुराई के माध्यम से अच्छा सीखने के लिए अधिक इच्छा प्रकट करते हैं। अदालत बनी जीवन में हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इस जीवन में पर अदालत में हमें बहुत कुछ खोने पड़ता है , तो नया कुछ पाने को भी अवसर मिलते हैं।

इस दुनिया में रहने वाले हर व्यक्ति की बात की जाए तो शायद समय ही कम पड़ जाएगा, लेकिन  मैं अपनी अनुभाव से जीवन की कुछ पहलुओं चर्चा करने जा रही हूं।

इस दुनिया के हर व्यक्तियों को सकारात्मक सोच के साथ अपनी जिंदगी को जीना चाहिए। क्योंकि जीवन एक महत्वपूर्ण पहलू है जो कि हमें आगे बढ़ाता है। अर्थात इस दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं है, इसीलिए जो हमें अपनी जिंदगी के प्रत्येक क्षण को सही रूप से टटोलने के लिए प्रेरित करती है क्योंकि यह स्थिति और गति चाहे कुछ भी हो परंतु एक बार समय बीत जाने के बाद यह वापस नहीं आते यह हमें ज्ञात है, इसीलिए हर स्थिति, अवकाश,  समय, घटना बीत जाने से पहले ही जीवन के हारे अनुभव को  और हर चीजों को उपभोग कर लेनी चाहिए उसके साथ साथ एक अनुभूति हासिल कर लेनी चाहिए, इसीलिए क्योंकि यह निश्चित रूप से जीवन का सौंदर्य है यह हम नकार नहीं सकते।

"दुनिया मे कई लोग होते हैं, जो जीवन के कुछ असफलताओं के कारण निश्चित रूप से दुखी हो जाते हैं। हालांकि यह लोग निश्चित रूप से जीवन के उज्जवल पक्ष को देखने में विफल होते हैं। जीवन टू जबलपुर शक का यह मतलब है कि हर विफलता का एक कारण। इसीलिए हर विफलता में हमें एक मूल्यांकन एवं सबक सिखाता है" इसका मतलब यह है कि हर विफलता हमें सबक तो सिखाती है और अनुभव निर्णय कराती हैं। यह अनुभाग मनुष्य के कौशल एवं दक्षता ,क्षमता में सुधार लाता है। यह जीवन की एक वास्तविक पहलू है। जिसे हम सभी को स्वीकार करना अनिवार्य है।
जीवन में कई बार हमें दर्द सहना पड़ता है,लेकिन जीवन में दर्द हमें सभी विपरीत स्थिति को मुकाबला करने में सहायक होते हैं यह भी हमें ध्यान रखनी चाहिए। दूसरी बात यह है कि मृत्यु-मृत्यु की अनिश्चितता हर किसी को डराता है लेकिन यही डर हमें जीवन के प्रत्येक क्षण को उत्साहपूर्ण ढंग से जीने के लिए मजबूर कर जाती है।

अंत में यह कहना अनिवार्य होगा की जीवन एक ऐसी चीज नहीं है जिससे किसी को हासिल करने चाहिए। हमें अपने जीवन का अनुभव करने के लिए बहुत आभारी होना चाहिए और अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए मेहनत के साथ पूरी प्रयास भी करनी चाहिए, क्योंकि जीवन वह नहीं जो हम उसको लेकर सोचते हैं, बल्कि जीवन वह है जिसको हम वास्तविक क्षेत्र में जीते हैं। 
                                
मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)

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