संदेश
नहीं चाहता आसाँ हो जीवन - कविता - मयंक द्विवेदी
चाहे सौभाग्य स्वयं हो द्वार खडे, चाहे कर्ता भी हो भूल पड़े, नहीं चाहता आसाँ हो जीवन, चाहे मग में हो शूल गढ़े। जो पत्थर होऊँ तो नींव मिल…
यह दीपक है इसे जलना ही चाहिए - कविता - उमेन्द्र निराला
देख बुराई अपने अंदर इसे मरना ही चाहिए, जीवन में फैला अँधेरा मिटना ही चाहिए, यह दीपक है इसे जलना ही चाहिए। लगी विचारों मे वर्षो की दीमक…
पथ सहज नहीं रणधीर - कविता - श्रवण सिंह अहिरवार
अपनी जीत पर अधिक उल्लास ना कर, मंज़िल अभी आगे है यह नज़र-अंदाज़ न कर, कर्तव्य पथ में बिखरे हैं शूल अनंत यह ध्यान धर, पथ सहज नहीं रणधीर ये…
जो सहज सुलभ हो - कविता - मयंक द्विवेदी
जो सहज सुलभ हो अमृत तो तुच्छ अमृत का क्यूँ पान करूँ इससे अच्छा तो विष पीकर विष का ही गुणगान करूँ कूल सिंधु के बैठे-बैठे क्यों मौजों का…
परीक्षा - कविता - महेन्द्र सिंह कटारिया
आने से जिसके चढ़े बुख़ार, जाने से ख़ुशी का बढ़े ख़ुमार। होती दुखदायी है, जीवन में परीक्षा। ज़िंदगी में होना अगर तो, मिले न प्रगति का ज्…
बदलते हालात - कविता - महेश कुमार हरियाणवी
अच्छी बातें अच्छी लगती, अच्छों का दे साथ। बुरे स्वयं मर जाएँगे जब, बदलेंगे हालात। पथ कहाँ कब एक रहा, रही हिलती-डुलती साख। सूरज आख़िर न…
जो जाता है उसे जाने दो - कविता - गणेश भारद्वाज
जो बीत गया सो बीत गया, अब बीता वक्त भुलाने दो। जीवन है आशा का दीपक, जो छोड़ गया उसे जाने दो। बीते से जो सीखा मैंने, नव क्यारी में उपजा…
ग़लतियों को समझ पाना - गीत - उमेश यादव
सुधरने को मन मचलना, साहस कहलात है। ग़लतियों को समझ पाना, हौसले की बात है॥ ग़लतियों से सीख लेना, श्रेष्ठतम सदज्ञान है। ग़लतियों से हारते…
सफलता मार्ग - कविता - भजन लाल हंस बघेल
सफलता मार्ग है बड़ा रंगीन। वीराने और बहार का सुंदर सीन। अपने काम में सदा रहो लीन। बनो अर्जुन, लक्ष्य साधो, मारो मीन! सफलता मार्ग में आ…
असफलता से सीखें - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सदा पराजय आलसी, व्यसन कलह संलग्न। मुफ़्तखोर निन्दक मनुज, दंगा हिंसा मग्न॥ अहंकार पद पा मुदित, मदमाता इन्सान। पराजय विचलितमना, खो विव…
जो पग कहें तो बढ़ चलो - कविता - राघवेंद्र सिंह
जो पग कहें तो बढ़ चलो, स्वयं से ही यूँ लड़ चलो। शिखर का अंत है कहीं, जो दिख रहा तो चढ़ चलो। दृगों में तुंग कोर हो, हृदय सदा विभोर हो। …
भविष्य के सितारे - कविता - रूशदा नाज़
सुनो मेरे प्यारे! तुम डरते क्यूँ हो? भविष्य के सितारे सुनो! तितलियों की उड़ान उड़ सकते हो वो चाहत हो तुम तुम सूर्य हो, तप सकते हो अग्न…
अथक चलना होगा - कविता - राज कुमार 'नीरद'
बढ़ चला तू जिस पथ उस पर डग भरना कठिन तो है धूल भरे झंझावातों में वह पथ अदृश्य तो है तपिश भी है तपाने को तुझे उस पथ मृगमरीचिकाएँ भी है…
तू ज़रा सब्र तो कर - कविता - अशोक योगी
जीत जाएगा जंग-ए-ज़िंदगी एक दिन, तू ज़रा जिगर में सब्र तो कर। निकलेंगे उजाले स्याह रातों से एक दिन, तू ज़रा मुश्किलों से अगर मगर तो कर। …
एक नई दिशा - कविता - प्रिती दूबे
हौसलों के पंख लगाकर, एक नई दिशा की ओर बढ़ो। सफलता की ऊँचाइयों को छूकर, एक नया समाज गढ़ो। तुम नहीं हो बेटों से कम, तुममे भी है हिम्मत औ…
ऐ युवा देश के जागो! - कविता - रूशदा नाज़
ऐ युवा देश के जागो! तुम कब तक सोते रहोगे? माशरे में हो रहा क्या? कब तक अनभिज्ञ रहोगे? तुझे कोई ख़बर नहीं, कुछ भी असर नहीं, तू डूबा फ़ोन,…
तुम अजेय हो - कविता - गिरेन्द्र सिंह भदौरिया 'प्राण'
सुनो! स्वयं के विश्वासों पर, ही जगती में टिक पाओगे। गांँठ बाँध लो मूल मन्त्र है, यही अन्यथा मिट जाओगे॥ साहस-शुचिता से भूषित तुम, धरत…
तुम उठो हिन्द के रणधीरों - कविता - राघवेंद्र सिंह
तुम उठो हिन्द के रणधीरों, रणभेरी का न सुनो राग। सामर्थ्य विजेता बनो स्वयं, क्रोधानल का तुम करो त्याग। यह नहीं हस्तिनापुर, चौसर, न इन्द…
हे शूरवीर - कविता - राजेन्द्र कुमार मंडल
वज्र सा तुम प्रहार बनो, विघ्न हर्ता तलवार बनो। लक्ष्य को निहारो हर क्षण, चाहे रण लड़ना पड़े भीषण॥ भले काल विकराल विषम हो, कलह, वि…
जीवन एक संघर्ष है - कविता - उमेन्द्र निराला
जीवन एक संघर्ष है और हम पथिक है उसके, राहें सरल नहीं है बाधाएँ हर पग है तो इससे डरना क्या? मुझे गिराने की चाहत में गिर रहें हैं ख़ुद, म…