संदेश
आज़ादी - मुक्तक - इन्द्र प्रसाद
गगन साक्षी शहीदों का मिली कैसे है आज़ादी। चूम फंदे लिए हंँसकर बढ़ाकर बाँह फौलादी। वतन की यज्ञशाला में बनाया हव्य शीशों का, शहीदों के अथक…
मैं भारत की स्वतंत्रता हूँ - कविता - राघवेंद्र सिंह
मैं विमुक्त, नव दिनकर जैसी, मैं भारत की स्वतंत्रता हूँ। नवल दिवस, नव उद्घोषित रव, सप्त सरित की पवित्रता हूँ। मुझमें जन-जन शुभेषणा है,…
पन्द्रह अगस्त - त्रिभंगी छंद - संजय राजभर 'समित'
आ जोड़ ले हस्त, पन्द्रह अगस्त, शुभ दिन अपना, आया है। स्वतंत्रता का दिन, शहीद अनगिन, तब जाकर यह, पाया है। ऑंखें भर आती, याद दिलाती,…
यह जो स्वतंत्रता दिवस है - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
यह जो स्वतंत्रता दिवस है। कितने जीवन भूनने पर, और कितने घर फूँकने पर, दृशित यह वरदान हुआ। सुभाष की आशा का, बिस्मिल की भाषा का। गुंजित …
आज़ादी - कविता - गणेश भारद्वाज
आओ मिलकर नमन करें हम, माँ भारत के उन हीरों को। राष्ट्र हित बलिदान हुए जो, आज़ादी के उन वीरों को। भारत को सकल बनाने की, सर्व प्रथम जिसन…
पन्द्रह अगस्त - मुक्तक - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
पन्द्रह अगस्त की पावन वेला झण्डा गृह फहराओ, वीर शहीदों की समाधि में जा घृत दीप जलाओ। उठो 'अंशुमाली' बोलो तुम जय-जय भारत माता– …
अमृतकाल के पाँच प्रण - कविता - आर्तिका श्रीवास्तव
आज हम यह प्रण करेंगे, देश का मंथन करेंगे। आज़ादी के सौ बरस को, अमृत का उत्सव कहेंगे। १. विकसित देश का लक्ष्य अपनी वाचा और तन से, हम कर…
स्वतंत्रता दिवस - कविता - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
क़ुर्बानी का प्रतिमान शान स्वतंत्रता दिवस बहु पावन है। अरमानों का सोपान मान आज़ादी जन मनभावन है। उन्मुक्त उड़ानें ख़ुशियाँ मन मुस्कान खिल…
आज़ादी का अमृत महोत्सव - कविता - डॉ॰ सत्यनारायण चौधरी
आओ सब मिल कर मनाएँ उत्सव, आज़ादी का अमृत महोत्सव। साल पचहत्तर बीते हैं अभी तक, नाम भारत का गूँज रहा जल थल नभ तक। उड़ान जो भरी है अब नह…
ध्वज हर घर में फहराता है - गीत - उमेश यादव
तीन रंग में रंगा तिरंगा, ध्वज हर घर फहराता है। शौर्य शांति और प्रगति से, सबका मान बढ़ाता है॥ हरा स्वेत केसरिया रंग का, ध्वजा हमारी शा…
आज़ादी का अमृत महोत्सव - कविता - बृज उमराव
बीत चुके हैं वर्ष पचहत्तर, बेड़ी कटी ग़ुलामी की। वर्ष गाँठ हम सभी मनाएँ, वतन की इस आज़ादी की॥ अनगिनत शहीदों को श्रद्धांजलि, अर्पित देश य…
आज़ादी का पर्व - दोहा छंद - द्रौपदी साहू
वीरों के संघर्ष से, मुक्त हुआ जब देश। लहर उठी आनंद की, दूर हुआ सब क्लेश॥ आज़ादी का पर्व है, करते सब सम्मान। मन में भर उत्साह से, गाते ह…
आज़ादी की आँधी महात्मा गाँधी - कविता - मदन सिंह फनियाल
ढाल-तलवार को छुआ नहीं, विजय पताका फहरा दी। सुलगा के चिंगारी आज़ादी की आग दिलों में लगा दी।। त्याग कर पथ हिंसा का, जोत अहिंसा का जगा दी।…
ये आज़ादी का अमृत महोत्सव - कविता - गणपत लाल उदय
ये आज़ादी का अमृत महोत्सव सबको मनाना है, जान से प्यारा यह तिरंगा हम सबको फहराना है। उनके पदचिन्हों पर आज हम सभी को चलना है, वीर-सैनान…
आज़ादी का अमृत महोत्सव - कविता - स्नेहा
आज़ादी के अमृत महोत्सव पर भारत देश उत्सव मना रहा, आज़ादी के वीरों की फिर से याद दिला रहा, जन-जन के मन में देश प्रेम के दीप जला रहा। नमन…
आज़ादी महोत्सव - दोहा छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
आज़ादी के दीप का, घर-घर हो उजियार। कर अभिनंदन देश का, लगा तिरंगा द्वार।। नेक-नेक सोचों सभी, करो देश हित नेक। आज़ादी के जश्न का, सभी करो …
तिरंगा ऊँचा रहे हमारा - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
भारत मातृभूमि तुझे नमन, नमन तिरंगा शान तुम्हारा। कल आज और कल का भारत, चहुँ कीर्ति पताका जय न्यारा। सबसे प्यारा हिंदूस्तान, शान ति…
घर-घर तिरंगा लहराए - गीत - रमाकांत सोनी
घर-घर तिरंगा लहराए, हम गीत वतन के गाए। शौर्य पराक्रम की गाथा, जन मन जोश जगाए। घर-घर तिरंगा लहराए, घर-घर तिरंगा लहराए। आज़ादी जश्न मना…
हाँ मेरा अभिमान तिरंगा है - गीत - हिमांशु चतुर्वेदी 'मृदुल'
भारतवर्ष की शान तिरंगा है, हाँ मेरा अभिमान तिरंगा है। करते है इसको हरपल नमन, हाँ मेरी पहचान तिरंगा है। वर्षों तक की थी ग़ुलामी, दी थी …
वीर सपूत - कविता - डॉ॰ रेखा मंडलोई 'गंगा'
दमनकारी नीतियों और अत्याचारों का फैला था ताण्डव जब चारों ओर, वीर कुँवर सिंह, मंगल पाण्डे और बिस्मिल जैसे देश भक्तों ने तभी दिखाया अपना…