रूशदा नाज़ - वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
सपनों की राह में संघर्ष - कविता - रूशदा नाज़
शनिवार, मई 17, 2025
क्यूँ, क्या, कैसे कहाँ तक?
इन सवालों में उलझा विद्यार्थी
कल्पनाओं में ढूँढ़ता है यर्थाथ
अपने सफ़र में भटकता हुआ,
थकता हुआ,
हारता हुआ
किन्तु वह नहीं
ठहरता
उसने केवल जाना गतिशील होना
परन्तु विवशता हर बार मौक़ा देती है ठहर जाने का
वह जानता है ठहरने का तात्पर्य रुकना
और गतिशील का आगे बढ़ना
चुनता है जब अपने किसी एक को
ढूँढ़ता है अनकहे सवालों के जवाब
खोजता हुआ जब निष्कर्ष को पहुँचा पाया कि,
क्यूँ, क्या, कैसे , कहाँ तक का सफ़र कामयाबी होकर गुज़रता है।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर