संदेश
तो समझो की ये होली है - गीत - उमेश यादव
नयनों में ख़ुमारी छाए, साँसों में भी उष्णता आए। मन मिलने को अपनों से, होकर अधीर अकुलाए॥ लहरों सा हिलोरे ले मन, तो समझो की ये होली है॥ म…
होली खेले कान्हा - गीत - प्रवल राणा 'प्रवल'
आज बिरज में होली खेले कान्हा। होली खेले कान्हा ठिठोली करें कान्हा॥ कौन के हाथ में देवे पिचकारी, कौन के हाथ गुलाल देवे कान्हा। कान्हा क…
होली आई रे - कविता - रविंद्र दुबे 'बाबु'
कली केशरिया बने रंग पिचकारी जात-पात भूल, सब गाए संगवारी रंग बिरंगी फूलों सा, ख़ुशहाली महके फागुनवा छाई झमाझमा, होली रे... होली आई रे..…
होली का त्योहार मुबारक - कविता - देवेश द्विवेदी 'देवेश'
होलियारों की शान मुबारक, होली वाली तान मुबारक। रंग बिरंगी सबको भाती रंगों की दुकान मुबारक। सभी अधूरी आस मुबारक, सरहज साली सास मुबारक। …
होली आई - कविता - आशाराम मीणा
लंबी रातें छोटी हो गई मौसम ने ली अँगड़ाई, शरद ऋतु ने ली रवानी बसंत की आहट आई। सतरंगी मौसम में देखो होली आई होली आई॥ सुनहरी फ़सलें खेतों…
वृंदावन में होरी आई होरी आई रेें - गीत - हिमांशु चतुर्वेदी 'मृदुल'
वृंदावन में होरी आई होरी आई रे होरी आई रे अरे होरी आई रे... वृंदावन में होरी आई होरी आई रे। ग्वाल बाल संग कान्हा गोकुल में आवेंगें सखी…
धूमिल सी होने लगी होली की यादें - आलेख - डॉ॰ शंकरलाल शास्त्री
होली का नाम सुनते ही चंग और झांझ, मंजीरों के साथ धमाल का गाया जाना हमें आज भी अच्छे से याद है। बचपन की उन स्मृतियों को ताज़ा करते हैं त…