होली का त्योहार मुबारक - कविता - देवेश द्विवेदी 'देवेश'

होलियारों की शान मुबारक,
होली वाली तान मुबारक।
रंग बिरंगी सबको भाती
रंगों की दुकान मुबारक।

सभी अधूरी आस मुबारक,
सरहज साली सास मुबारक।
घरवाली संग होने वाली,
पहली होली ख़ास मुबारक।

होली का हुड़दंग मुबारक,
अपना अपना ढंग मुबारक।
चढ़ जाए जो फिर न उतरे,
यादों का वो रंग मुबारक।

मधुमास का रास मुबारक,
पकवानों की धाँस मुबारक।
रिश्तों में भी घुल सी जाए,
गुझियों की मिठास मुबारक।

पिचकारी की धार मुबारक,
ख़ुशियों का बाज़ार मुबारक।
बोलो सबको गले लगाकर,
होली का त्यौहार मुबारक।

देवेश द्विवेदी 'देवेश' - लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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