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होली आई है - घनाक्षरी छंद - डॉ॰ सुमन सुरभि
1 चहुँ दिश उड़ रहा, रंग औ गुलाल सखी, सतरंगी चुनरी में, सज होली आई है। लाल हैं कपोल और, पीत रंग दिव्य भाल, कंचुकी भी प्रीत भरे रंग में, …
राधा कृष्ण की होली - कविता - आशीष कुमार
फागुन महीना है मस्त मस्त आला, निकला है रंगने गोकुल का ग्वाला। हाथों में उसके कनक पिचकारी, जाएगी बच के कहाँ बृजबाला। राधा ने मटकी में र…
इक गुलाल की पुड़िया - गीत - डॉ॰ मान सिंह
बातें ख़ूब रंगीली होंगी उसकी सभी सहेली होंगी, जाने किनके लिए सभी ये इक अनबूझ पहेली होंगी। इठलाती-इतराती वो है, इक जादू की पुड़िया। अब भी…
फागुन की बहार - कविता - शीतल शैलेन्द्र 'देवयानी'
आज रंग अबीर गुलाल मन को हृदय को कोर कोर रंग गयो, चुपके से कोई भँवरा आयो मन मयूर सा मचल गयो। रंगों रगींली छैल छबीली उसके रंगों में रंग …
होली - कविता - गोलेन्द्र पटेल
फाल्गुनी लोरी की लय में होरी सुना रही है आँगन में बन रही है रंगोली ख़ूब उड़ रही है रोरी चेहरे पर अबीर ही अबीर है रूप में रंग ही रंग एक …
आई होली है - गीत - ललित रंग
आई होली है बरसों के बाद रे, नाचो गाओ सब झूमो तूं आज रे। आज कहना ना कोई बदनाम रे, झूमे मस्ती में सारा जहान रे।। डाली-डाली उपवन उपवन छाई…
रंगोत्सव होली - कविता - रमाकांत सोनी
जोश जुनून उमंग जगाता, तन मन को हर्षाता। रंगों का त्योहार होली, सद्भाव प्रेमरस बरसाता। गाल गुलाबी दमकते, गोरी के गुलाल लगाकर। पीला रं…