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सावन में शिव अर्चना - कुण्डलिया छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
सावन में शिव अर्चना सोम दिवस अति नेम। अवढर दानी चाहते शुद्ध सरल शुचि प्रेम॥ शुद्ध सरल शुचि प्रेम दूध घी चन्दन वारो। जप लो नमः शिवाय…
मस्ताने मौसम ने - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मस्ताने मौसम ने पागल मुझे कर दिया, दीवाने मौसम ने घायल मुझे कर दिया। भीगा सावन बहकने लगा, गीला बदन क्यूँ दहकने लगा। दिल धक धक धक धड़कने…
रिमझिम सावन आया है - ताटंक छंद - संजय राजभर 'समित'
विरह वेदना की ज्वाला में, तन-मन ख़ूब तपाया है। आओ मेरे प्रियतम प्यारे, रिमझिम सावन आया है। प्यासी घटा की मर्म समझो, गीत ख़ुशी के गाएँगे।…
सावन आया - कविता - निहाल सिंह
तमी पपीहा बोले बाड़ी, कोयल गाए माड़ी-माड़ी। नग पे छाई बदली काली, कल-कल बहती नद मतवाली। हदय शिखडिनी का मुस्काया, आया आया सावन आया। प…
सावन - गीत - संगीता भोई
ओ मेरे प्रियतम मनभावन, याद है मुझे वो पहला सावन। वो भी क्या सावन के झूले थे, जब साथ में, हम तुम झूले थे। बस वो ख़ुशियों के मेले थे, जब …
सावन - कविता - डॉ॰ रोहित श्रीवास्तव 'सृजन'
सावन की बरखा में तन-मन झूम रहा है धरा को मानो आकाश बूँदों से चूम रहा है चिंताओं की चादर ओढ़े कृषक बैठा था बरखा की बूँदें देख अब नव…
सावन - कह-मुकरी - मनीषा श्रीवास्तव
आवत देखो गरजत तड़कत, डर जाए जियरा ये बरबस। सावन में घिर-घिर करे पागल, को सखि साजन; नहिं सखि बादल। धानी रंग से मन भर जावे, गोरी को सुन्द…