संदेश
सावन की बौछार - कविता - सिद्धार्थ गोरखपुरी
सावन की बौछार यार तन-मन को भिगाती है, मस्त फुहारें इस सावन की याद किसी की दिलाती है। सावन के झूले अब तो हर ओर निहारा करतें हैं, कोई तो…
बैरी सावन - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
हाय रे आया बैरी सावन, आवन कह गए आए न साजन। रहती हूँ मैं खोई-खोई, रोग लगा है जैसे कोई। कब से न मैं तो चैन से सोई। सुनी है सेजिया सूना आ…
सावन आया - कविता - गणेश भारद्वाज
सावन आया बादल छाए डालों पे झूले फूलों के, नटखट सखियाँ खेल रही हैं सब झूल रहीं हैं झूलों पे। तरह-तरह के फूल खिले हैं वन-उपवन में हरयाली…
बोल रे पपीहा बोल - गीत - रमाकांत सोनी
बोल रे पपीहा बोल, बोल मीठी वाणी रे। सावन आया झूम के, बरस रहा पाणी रे। बाग बगीचे महके, सारी धरा हर साई रे। रिमझिम झड़ी सावन की, हरिय…
चंचल कलियाँ - कविता - संगीता राजपूत 'श्यामा'
ऋतु सावन की झोंके खाए कजरी मल्हार मे ठनी झूले झूल उठे डाली पे कली मकरंद संग सनी। नाच रहे हैं पत्ते देखो मेघ द्वार बरसे बूँदे घटा म…
शिव साजन सावन मुदित - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
नवकिसलय कुसुमित चमन, सावन मेघ फुहार। गन्धमाद प्रवहित पवन, आए प्रीत बहार।। स्वागत सावन मास का, अभिनन्दन शिवधाम। ग्रीष्मातप आहत धरा, बरस…
सावन की अभिव्यक्ति - कविता - रामासुंदरम
वृहद क्षणों ने सुखद भाव से मन में पाया जब विश्राम, विस्तृत नभ ने तृप्त हृदय से किया धरा को तभी प्रणाम। कोलाहल करता खिला खिला सा जब समी…