संदेश
मेरे सपनों को साकार होने दो - कविता - कुलदीप सिंह रुहेला
मेरे सपनों को साकार आज होने दो, मुझको आज साहित्यकार होने दो। चंद पन्नों का क़लम का राही हूँ मैं, मुझको इसका पहरेदार रहने दो। है गुज़…
आप ख़्वाब हो जाओ - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
अरकान : फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन तक़ती : 2122 1212 22 आप दिल की किताब हो जाओ। ज़िंदगी का हिसाब हो जाओ।। आपको पढ़ सकूँ सलीक़े से, दो घड़ी म…
निराला सपनों का संसार - गीत - रमाकांत सोनी
अपनों का मिलता स्नेह और प्रेम की मधुर फुहार, जीवन में आनंद हर्ष का लग जाए मधुर अंबार। निराला सपनों का संसार। सबसे हिल-मिल ख़ूब मिले समर…
प्रणय स्वप्न - कविता - सुरेंद्र प्रजापति
कमल-नयन का सुख-स्वप्न पुष्प छू लिया, अन्तर्मन, हर सुरों में गंध बसा है पुलकिल होंठ अपावन। जीवन का सौंदर्य दहक कर तन-मन का प्रणय, चहक क…
आख़िर अधूरे स्वप्न कहाँ दफ़न होते हैं - गीत - डॉ. देवेन्द्र शर्मा
गोधूलि बेला पीछे, या उषा की लाली में, पूषा के सैंदुर में या, उषा कपोल प्याली में। निर्झर की कल, कलकल में, या विहगों की टोली में, स्…
हसीन सपना - कविता - पारो शैवलिनी
तनहा-तनहा पेड़ों के साए तले, यादें तुम्हारी लेकर सपने हम बीने।। रुक-रुक के चलना चल-चल के रुकना मुड़ना कभी-कभी, साथ तुम्हारे सागर किनारे …
ख़्वाब जब भी नया देखना तुम कभी - ग़ज़ल - आलोक रंजन इंदौरवी
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन तक़ती : 212 212 212 212 ख़्वाब जब भी नया देखना तुम कभी, अपने घर की तरफ़ लौटना तुम कभी। ख़्वाब देखा तो …