निराला सपनों का संसार - गीत - रमाकांत सोनी

अपनों का मिलता स्नेह और प्रेम की मधुर फुहार,
जीवन में आनंद हर्ष का लग जाए मधुर अंबार।
निराला सपनों का संसार।

सबसे हिल-मिल ख़ूब मिले समरसता बरसाए,
दुख दर्द में एक दूजे के काम सभी हम आए। 
हर क़दम पर मिले सफलता मेहनत ना हो बेकार,
बुलंदियों के व्योम में ख़ुशियों की मिले भरमार।
निराला सपनों का संसार।

खिल जाए सबके चेहरे बाँटे ख़ुशियाँ घर द्वार, 
अपनेपन का भाव पले घट-घट प्रेम अपार।
निराला सपनों का संसार।

नदिया बहती सागर बहता प्रेम प्यार दिलों में,
झरनों का पानी मिलता जा तालाबों झीलों में।
शब्द शब्द मोती से दमके बहते जल की धार,
सपने सुरीले मधुर सुहाने लगे वीणा की झंकार।
निराला सपनों का संसार।

फूलों सी ख़ुशबू सा जीवन महकता आँगन हो,
ख्वाबों में सुंदर सजीला मन-भावन सावन हो।
सैर सपाटा हँसी-ख़ुशी से हो भरा पूरा संसार,
वैभव भूल कर सारी दुनिया में पहले सदाचार।
निराला सपनों का संसार।

हर बालक प्रगति रथ पर हो कर सवार चलना है,
वक़्त के थपेड़े खा कर तूफ़ान आँधियों में पलना है।
मंज़िल पाने की ख़ातिर सजा लो सपना कोई यार,
लगन परिश्रम सेवा से बनो पुण्य के भागीदार।
निराला सपनों का संसार।

हँसो-हँसाओ ख़ुश रह कर बाँटिए सबको प्यार, 
सद्भावो की पावन गंगा में हम गोते खाए हज़ार।
चंदन सी ख़ुशबू सा महके दिलों में प्रेम अपार,
यश वैभव का जीवन में हो आग़ाज़ लगातार।
निराला सपनों का संसार।

रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)

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