संदेश
राष्ट्र की उपासना ही, अश्वमेधिक लक्ष्य हैं - गीत - उमेश यादव
राष्ट्र की उपासना ही, आश्वमेधिक लक्ष्य है। पराक्रम से राष्ट्र रक्षा, यज्ञ संस्कृति रक्ष्य है॥ अश्व है प्रतीक साहस, शौर्य और पुरुषार्थ …
राष्ट्रधर्म - कविता - गोकुल कोठारी
धर्म एक हो अपना,एक हो अपना नारा, सब धर्मों से बढ़कर देश हमें हो प्यारा। इस देश के ख़ातिर जिसने थी तन की क़ुर्बानी, चलो उनके पदचिन्हों पर…
राष्ट्र चेतना - कविता - बृज उमराव
राष्ट्र चेतना की धुन में, जन मानस ने ललकारा है। सीमा प्रहरी सीना ताने, यह भारत सबसे प्यारा है।। नज़र सामने उन्नत मष्तक, तन में फौजी की …
राष्ट्र धर्म चहुँ प्रगति में - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा 'निकुंज'
मानवता सबसे बड़ा, सभी धर्म का मंत्र। रहें प्रेम सद्भाव से, जनहित में हो तंत्र।। रख विचार सद्भाव से, दें मनभाव विनीत। वाणी हो वश संयमित…
राष्ट्र की व्यथा - कविता - रामासुंदरम
मेरी ईंट बजा गए मेरा गारा ले गए, अपने रजवाड़ों के ख़ातिर मुझे खंडहर बना गए, मेरी कोशिकाओं में जो अनवरत नदियाँ प्रवाहित होती थीं वे आज शु…
राष्ट्र विजय अनुनाद करें - गीत - डॉ.राम कुमार झा "निकुंज"
ज्ञान विज्ञानी राष्ट्र मंच पर , सारस्वत यश रसधार बहे। भारत सेवा भक्ति प्रीति नित हम संघशक्ति बन सभी चलें। आ…
बलिदान विजय को नमन करूँ - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
भारत माँ के अमर सपूतों, भर अश्क नैन नित नमन करें। राष्ट्र भक्ति अर्पित निज जीवन, बलिदान विजय को नमन करें। सैल्यूट सतत…
संघशक्ति होती विजय - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
उषा नयी स्वागत करें , नया जोश नव सोच। मातु पिता पद वन्दना , नमन गुरु पद लोच।। चित्त धरूँ हरि पद चरण , माँगू मैं वर…
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