संदेश
विधा/विषय "मर्यादा"
मर्यादा - कविता - बृज उमराव
सोमवार, जून 28, 2021
मर्यादा एक सीमा है, जिसमें सीमित रहना है। यह है इक तटबंध अनोखा, जिसमें सब को बंधना है।। प्रीति प्रेम द्वेष अरि सारे, मत सीमा को तुम ला…
मर्यादा - कविता - सरिता श्रीवास्तव "श्री"
मंगलवार, जून 08, 2021
मर्यादा सिर्फ़ नारी के लिए, चौखट सिर्फ़ नारी के लिए, निभा जाए तो है सुलक्षणा, लाँघ जाए तो है कुलक्षणा। नहीं ख़ुद से ख़ुद का परिचय, कोई निर…
मर्यादा - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
बुधवार, अक्तूबर 21, 2020
यह कैसा समय आ गया है मर्यादाओं का ह्रास बढ़ रहा है, संबंध फीके हो रहे हैं मर्यादाएं दम तोड़ रही हैं परिवार बिखर रहे हैं ऐसा मर्यादा घटने…