संदेश
धरा का गीत - कविता - मेघना वीरवाल
बसा है धरती के कण कण में प्रेम दया और स्वाभिमान, कहने को महज़ शब्द ही यहाँ मिलेंगे अतरंगी विधि विधान। नित नया भाव जगाती करके सूरज का गु…
त्याग भूमि की जय हो - कविता - ईशांत त्रिपाठी
अगणित वर्णित पठित कथानक, भरतखंड का शौर्य सनातन। भारती गरिमा अणिमा प्रकाशक, आप्त व्याप्त अपावृत व्यापक। संयम सत्य स्नेह पराक्रम, साहस श…
माटी तेरी चन्दन है - बाल कविता - हनुमान प्रसाद वैष्णव
भारत माँ तेरे चरणो में हम बच्चों का वन्दन है। जल तेरा अमृत की धारा माटी तेरी चन्दन है॥ तेरे आँचल की छाया में माता हमने जन्म लिया। फूले…
भारत की आत्मा हिमालय - गीत - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
गंगा जमुना सरस्वती की, बहती जहाँ है धारा। वह देव भूमि है अपनी, है भारत वर्ष हमारा।। कण-कण में बसे हैं शंभू। भारत का ताज है जंम्बू।। उत…
तुम्हारी ही छाया तले - गीत - जय गुप्ता
है देवो की नगरी, हो व्यास या सबरी। पुराणों की बातें, यहाँ की सगी री। है खाटू यहाँ पे, यहीं पे सुदामा, यहीं पे कोणार्क की है सूर्यनगरी।…
भारत माता की जय - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
बाग-बगीचे गाँव गलिन में भारत माता की जय। बुलबुल बोले तोता बोले मोर कोकिला डाली। खेतों में भी झूम-झूम कर यही बोलती बाली। शिशु भी वन्देम…
हम भारत के मूलनिवासी - कविता - रमाकान्त चौधरी
हम भारत के मूलनिवासी, भारत मेरी शान। इसकी रक्षा ख़ातिर मेरी जान भी है क़ुर्बान। जाने कितने खनिज छिपे हैं इसकी धरती में, चरण पखारे सागर…