शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)
भारत माता की जय - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
शुक्रवार, दिसंबर 10, 2021
बाग-बगीचे गाँव गलिन में
भारत माता की जय।
बुलबुल बोले तोता बोले
मोर कोकिला डाली।
खेतों में भी झूम-झूम कर
यही बोलती बाली।
शिशु भी वन्देमातरम् बोलें
बजा-बजा कर ताली।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
नहीं किसी को भय।
जन्म भूमि कहती बेटे से
माटी मिलती माटी।
क़ब्र बनेगी इसी भूमि में
भूल गया परिपाटी।
खेल-कूद ले क्षणिक जीवनी
अर्थी गंगा घाटी।
मिल कर बोलें सभी प्रेम से
मातृभूमि की जय।
खाया पिया अन्न जल फिर भी
भितरघात की बातें।
गोदी में निश्चिन्त सो गए
काटीं जीवन रातें।
किसी ग्रंथ में कहाँ लिखा है
माँ से कर लें घातें।
जहाँ विश्व में भारतीय हैं
गूँजे जय हिन्द की लय।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर