संदेश
शिव का सार - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
गहन क्लेश में सुख का आगार योग से प्राप्य शिव का सार। बृहद क्षेत्र में व्यापक आकाश सर, कल्प दिए सरलता से संवत्सर। निरंजन अरूप यद्यपि सर…
शिव आपको प्रणाम है - गीत - सुशील शर्मा
सर्वविग्रहाय शिवाय तत्पुरुषाय अखण्डाय शिव आप अविराम हैं। हर्यश्वाय यज्ञाय महाकायाय हरये विष्णुप्रसादिताय शिव आपको प्रणाम है। महाप्रस…
शिव पार्वती मंगलगीत - गीत - हिमांशु चतुर्वेदी 'मृदुल'
शिव भोले भंडारी, शिव भोले भंडारी कैलाश के राजा, शिव भोले भंडारी नीलकंठ हे महादेव तुम भोले भंडारी जड़ चेतन के स्वामी तुम भोले भंडारी मह…
सरस्वती वंदना - कविता - गणेश भारद्वाज
हे हंस वाहिनी, ज्ञान दायिनी मुझ पर अपनी कृपा करो मैं भी हूँ तेरा सेवक माता माँ मेरा भी कल्याण करो। मेरे मन की बात सुनो माँ कलम में मेर…
मॉं ज्ञानदेय - कविता - महेन्द्र सिंह कटारिया
करूँ मॉं आराधना तेरी, वंदना स्वीकार कर लेना। निज चरणों में दे शरण, भण्डार ज्ञान से भर देना। इस अनभिज्ञ दुनिया में, श्रेष्ठ संस्कार सब …
हे हंसवाहिनी माता - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
हे हंसवाहिनी माता! अब हम पे रहम करना। हम तेरे ही बालक हैं, माँ हमपे करम करना। सुन मेरी करुण कहानी, माँ दूर करो नादानी। मैं दुर्बल सठ अ…
हे राम! - कविता - प्रवीन 'पथिक'
हे राम! तुम्हारे जीवन की झाँकियाॅं, मेरे अंतर्मन को रुदन जल से अभिसिंचित कर, कृतार्थ करती है, जो मुझे पुण्य मार्ग के तरफ़ प्रवृत्त करती…