मुख्य पृष्ठ
छंद
छठ पर्व
दोहा छंद
भक्ति
पूजन छठ रवि अर्चना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | छठ पूजा पर दोहे
पूजन छठ रवि अर्चना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | छठ पूजा पर दोहे
गुरुवार, नवंबर 07, 2024
पूजन छठ रवि अर्चना, माँगूँ मैं भगवान।
कतरा-कतरा रक्त तनु, करूँ राष्ट्र बलिदान॥
पल-पल जीवन दूँ वतन, यत्न देश निर्माण।
रखूँ दर्द सम्वेदना, कतरा तन जन त्राण॥
हो विहान शुभ ज्ञान की, खिले प्रगति विज्ञान।
बचा सकूँ कतरा वतन, एक राष्ट्र जय गान॥
मुस्काए माँ भारती, देख मिटा आतंक।
धर्म विजय हो सत्य का, बचे न कोई रंक॥
अस्ताचल का अर्घ्य दूँ, शान्ति प्रेम जग शान्ति।
अर्घ्य भोर अरुणिम किरण, खिले भारती कान्ति॥
डाली मेंं ऋतु फल सजा, करूँ प्रकृति सम्मान।
अर्पण सायं भोर रवि, जन मन भारत शान॥
शुक्ल पक्ष शुभ पंचमी, छठ खरना शुरुआत।
पावन कार्तिक मास शुभ, ठेकुआ फल शुभ पात॥
उत्सव सदभावन सरस, छठ हो देश विदेश।
मंगलमय जगबन्धुता, आराधन विश्वेश॥
पर्व सनातन छठ कठिन, पावन भारत वर्ष।
तिथि षष्ठी अरु सप्तमी, रवि पूजन हो हर्ष॥
भक्ति शक्ति अनुरक्ति मन, हो सेवारत देश।
धर्म जाति भाषा घृणा, मुक्त बने परिवेश॥
मातृभूमि तन समर्पित, राष्ट्र धर्म रक्षार्थ।
कतरा होने से बचे, मानवीय पुरुषार्थ॥
कोटि नमन हिय भक्तिरस, अर्घ्यदान सूर्यास्त।
भोर अर्घ्य हो रविकिरण, त्रिविध पाप हो पस्त॥
करूँ सूर्य आराधना, माँगूँ व्रत वरदान।
अब कतरा न हो वतन, एक संघ जय गान॥
कवि निकुंज रवि प्रार्थना, लहरे व्योम तिरंग।
भारत रक्षण प्रगति चहुँ, दूँ शोणित जय जंग॥
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर