संदेश
बचपन - कविता - प्रवीन 'पथिक'
है याद आती, वह बातें पुरानी, वही प्यारा क़िस्सा, वह बीती कहानी। याद आता वह तेरा मुस्काता चेहरा, थी होती लड़ाई, पर था प्रेम गहरा। जब भी …
बचपन के दिन - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
कितने सुंदर, बेमिसाल थे, छुटपन के दिन बचपन के दिन, रह ना पाते सखियों के बिन। रह ना पाते सखियों के बिन। खेलकूद थे मस्ती थी, काग़ज़ वाली क…
रविवार - कविता - राजेश 'राज'
सुन! कल रविवार है, बेफ़िक्री से खेलेंगे समय की बंदिशें दूर रख देंगे सुबह जल्दी आना। एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण योजना बनाते थे हम, मनपसंद …
हम हैं छोटे-छोटे बच्चे - कविता - राहुल भारद्वाज
हम हैं छोटे-छोटे बच्चे, त्यौहार हमें लगते हैं अच्छे। स्कूल में पड़ जाते हैं अवकाश, दिन होते हैं वो कितने ख़ास॥ पढ़ने की कोई चिंता नहीं,…
बचपन - कविता - ऋचा तिवारी
मन माधव सा दौड़ा करता, ये चंचल सा बचपन प्यारा। तारो को मुट्ठी में भर लूँ, और तिमिर मिटे जग का सारा। जिज्ञासु मन भोला बचपन, निस्पाप…
काश कि बचपना होता - कविता - विनय विश्वा
एक वह गोली थी जो बचपन का हिस्सा हुआ करती थी एक यह गोली है जो शासन की बंदूक से निहत्थे को छलनी कर देती है कितना फ़र्क़ है है ना बचपन और स…
एक गुड़िया सी लड़की - कविता - रमाकान्त चौधरी
एक गुड़िया सी लड़की घर में, बातें बहुत बनाती है, है नटखट शैतान बहुत, पर सबके दिल को भाती है। घर भर को है ख़ूब रिझाती, अपनी मीठी बोली …