बचपन - कविता - प्रवीन 'पथिक'
सोमवार, मार्च 18, 2024
है याद आती, वह बातें पुरानी,
वही प्यारा क़िस्सा, वह बीती कहानी।
याद आता वह तेरा मुस्काता चेहरा,
थी होती लड़ाई, पर था प्रेम गहरा।
जब भी कोई घर में आती थी ख़ुशियाॅं,
चहकता था आँगन, महकती थी बगियाॅं।
वह प्यारा लड़कपन प्यारा था बचपन,
न थी कोई चिंता, ना था कोई बंधन।
याद आते वह मेरे सब संगी-संघाती,
धरती का ऑंचल, थी ख़ुशबू महकाती।
कभी हमारा रूठना कभी था मनाना,
कुछ बातें छुपाना, कुछ बातें बताना।
कितना ही प्यारा, था हमारा बचपन,
ख़ुशियाॅं बिखरती, मचलता था तन-मन।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर