बचपन - कविता - प्रवीन 'पथिक'

बचपन - कविता - प्रवीन 'पथिक' | Hindi Kavita - Bachapan - Praveen Pathik. Poem About Childhood Memories. बचपन की याद पर कविता
है याद आती, वह बातें पुरानी,
वही प्यारा क़िस्सा, वह बीती कहानी।
याद आता वह तेरा मुस्काता चेहरा,
थी होती लड़ाई, पर था प्रेम गहरा।
जब भी कोई घर में आती थी ख़ुशियाॅं,
चहकता था आँगन, महकती थी बगियाॅं।
वह प्यारा लड़कपन प्यारा था बचपन,
न थी कोई चिंता, ना था कोई बंधन।
याद आते वह मेरे सब संगी-संघाती,
धरती का ऑंचल, थी ख़ुशबू महकाती।
कभी हमारा रूठना कभी था मनाना,
कुछ बातें छुपाना, कुछ बातें बताना।
कितना ही प्यारा, था हमारा बचपन,
ख़ुशियाॅं बिखरती, मचलता था तन-मन।


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