संदेश
तू सज-धज के नज़र आती हैं - नज़्म - कर्मवीर सिरोवा
शफ़क़ की पैरहन ओढ़ें शाम जब मिरे मस्कन आती हैं, सुर्ख़ मनाज़िर में तू दुल्हन बनी सज-धज के नज़र आती हैं।। तन्हा रात हैं, शोख़ जज़्बातों के क़ाफ़ि…
क़ुर्बत - नज़्म - अंकित राज
मेरी आँखों में झिलमिलाती वो, मेरे ख़्वाबों में रोज़ आती वो... फिर गले से मुझे लगाती वो, मेरी बाहों में मुस्कुराती वो... च…
ऐ! ज़िंदगी - नज़्म - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ऐ! ज़िंदगी तेरे लिए हमने बहुत हैं दुःख सिंये। ऐ! आशिकी तेरे लिए आँख ने आँसू पिये। बे मुरब्बत ज़िंदगी तू रूठती मुझसे रही। बेरहम ये जख़्म स…
पत्ता गोभी - नज़्म - कर्मवीर सिरोवा
मिरे दर पर हुजूम में, साथी कोई पुराना आया हैं। अजीजों की बज़्म में, क़त्ल का फ़रमान आया हैं। मोहब्बत के खेल में, जाम तिरा ख़्याल आया हैं। …
कोई बात दबी हैं - नज़्म - कर्मवीर सिरोवा
तेरे नूरानी बदन पे कसक कोई सजी हैं, तुझसे मिलकर कह दूँ होठों में कोई बात दबी हैं। मिन्नतें तमाम अज़ीज़ों की मेरे संग काफ़िर गुजरी हैं,…
कमाल है - नज़्म - अंकित राज
इत्तेफ़ाक से हमारा मिल जाना.. कमाल है यूँ मेरी ज़िंदगी में तुम्हारा आना.. कमाल है दीदार की बड़ी हसरत है लेकिन बातों से दिल चुराना.. कमाल …
वो नींद - नज़्म - हरि ओम राजपूत
वो नींद मुझे जब आती थी, सोने से पहले सोने तक ! वो कई गुजारी रातें थी, वो भोर सुनहरी किरणों तक !! वो ख्वाब तुम्हारे आते थे, आकर फिर कतर…