क़ुर्बत - नज़्म - अंकित राज

मेरी आँखों में झिलमिलाती वो,
मेरे  ख़्वाबों  में  रोज़  आती वो...

फिर  गले  से मुझे  लगाती  वो, 
मेरी   बाहों  में   मुस्कुराती  वो...

चाँद  से  भी  हसीन   चेहरा  है,
सुर्ख़   होंठों  का   रंग  गहरा  है...

रुख्सार पे है प्यारा तिल, 
उसपे है मैंने हारा दिल...

ख़ूबसूरत वो जितनी, तन से है,
उससे ज़्यादा  हसीन मन  से है...

मेरे दिल में  उसी की  चाहत है,
उसकी क़ुर्बत कि, जैसे जन्नत है...

अंकित राज - मुजफ्फरपुर (बिहार)

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