संदेश
मित्रता - कुण्डलिया छंद - प्रवीन "पथिक"
जीवन में ग़म बहुत है, लेकिन है इक बात। सारे ग़म कट जाते हैं, यदि हो मित्र का साथ। यदि हो मित्र का साथ, सुख दुःख में काम आए। धैर्य, …
सच्चे मित्र की पहचान - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
तुलसीकृत रामचरितमानस की एक चौपाई जो कि ज्यादातर लोग जानते होंगे धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपति काल परखिए चारी। यह पूर्णतया सत्य है कि …
एक दोस्ती ऐसी भी - लघुकथा - श्रवण कुमार पंडित
पंद्रह वर्ष की रानी अपने मोबाइल पर बहुत व्यस्त रहा करती थी। एक दिन घर में उसकी बड़ी दीदी और पड़ोसी आपस में लड़ने लगे इस बात की भनक तक उसे…
दोस्ती - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
साथियो दोस्ती में एक दुसरे के लिए मर मिट जाना है, न भेद-भाव हो संयम हो समर्पित हो जाना है। स्वार्थ को छोड़ो और छोड़ो पराया पन, …
खुद को ही पाया - कविता - दीक्षा
उसके जिंदगी में आने से पहले मेरी रातें कुछ यूँ कटती थी किताबें, गाने और खुद में ही मेरी सारी दुनियां बसती थी इन चीजों से दूर एक बार एक…
बड़ी कला है दुश्मन को दोस्त बनाना - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
यह अपने आप में एक बहुत बड़ी कला है। प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है और बैर सबसे बड़ी संहारक शक्ति। यूँ तो दोस्ती और दुश्मनी में …
दोस्ती एक अनमोल रिश्ता है - कविता - मधुस्मिता सेनापति
यह रिश्ता है उम्र भर निभाने का यहाँ कोई दर्द नहीं रोने और रुलाने का दोस्ती तो अरमान है एक खुशी के आशियाने का........ यह तो फर्…
दोस्ती - कविता - रवि शंकर साह
दोस्त हमारी शान है। दोस्तो से ही पहचान है। दोस्त मात्र दोस्त नहीं हैं । खुदा का एक फरिश्ता हैं। जिससे सबका रिश्ता है। मुश्किल…
सच्चे दोस्त की महत्ता - कविता - सुनीता रानी राठौर
प्रेम और त्याग से बंधी दोस्ती, विश्वास भरोसे पर टिकी दोस्ती। जो जीवन में घोले रस मिठास, प्यारा सा एहसास है दोस्ती। होठों पे मु…
सच्ची यारी किया करो - ग़ज़ल - अब्दुल जब्बार "शारिब"
जिन लोगों से रिश्तेदारी किया करो। फिर बातें मत कारोबारी किया करो। मतलब का ये मिलना-जुलना ठीक नहीं। करना है तो सच्ची यारी किया कर…
दोस्ती - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
दोस्ती जीवन का सबसे बड़ा खज़ाना है सुख-दुख का अफ़साना है पल-दो-पल का रिश्ता नाता नहीं दोस्ती फर्ज़ है दोस्ती जो उम्रभर निभाना …
दोस्त और दुश्मन - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
कलियुग में कहना कठिन, कब कौन है मीत । दोस्त कभी दुश्मन बने , दुश्मन करते प्रीत।।१।। छल प्रपंच मिथ्या कपट, फँस लालच संसार। लाभ ह…
पाएँ मधुरिम मीत - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
दोस्त नाम विश्वास का , त्याग समर्पण नेह। जीवन की दृढ़तर कड़ी , रक्षक विपदा गेह।।१।। झंझावातों से भरा , संजीवन है मित्…
बहार बनके आई दोस्ती - कविता - कवि कुमार निर्दोष
बहार बनके आई दोस्ती कि जिसने हँसना हमें सिखाया! जो प्यार दिल ही में मर चुका था, वो प्यार फिर से जि…