दोस्ती एक अनमोल रिश्ता है - कविता - मधुस्मिता सेनापति

यह रिश्ता है उम्र भर निभाने का
यहाँ कोई दर्द नहीं
रोने और रुलाने का
दोस्ती तो अरमान है
एक खुशी के आशियाने का........

यह तो फर्ज है
उम्र भर निभाने का
दोस्ती तो अनमोल रिश्ते नाम है
खुद रो कर दूसरों को हँसाने का......

दोस्त हैं वे
जो थाम ले आपके हाथ
परवाह नहीं हैं उन्हें
कौन नहीं है उनके साथ
यही तो हैं दोस्ती का नाम........

दोस्ती जो एक अनमोल रिश्ता है
कभी पिता बन कर डाँटता है
कभी माँ बनकर समझाता है
कभी भाई होकर साथ देता है
कभी बहन होकर बातें करता हैं......

जो आफताब बन कर
कभी हौंसला बढ़ाता है
गम में भी जो
खुशियाँ बांटता है 
वहीं तो अनमोल रिश्ता है
जो दोस्ती कहलाता है........

सच्चे दोस्त हैं वे
जो जीवन के आखिरी पल तक 
साथ  निभातें हैं
यह तो फर्ज है
उम्र भर निभाने का
दोस्ती तो अनमोल रिश्ते का नाम हैं.......

मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)

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