संदेश
शख़्स वही गुलाब है - गीत - संजय राजभर 'समित'
काँटों के साथ रहे, फिर भी ख़ुशहाल रहे। चुभ जाए, दर्द सहे, शिकवा तक भी न कहे। सहनशील रुआब है, शख़्स वही गुलाब है। क़दम-क़दम जो चँहके,…
ज्ञान बाँटने में नहीं कुछ खोने का डर - कविता - विनय कुमार विनायक
मैं शब्दों का हमसफ़र मैं शब्द की साधना करता हूँ मैं स्वर की अराधना करता हूँ अक्षर-अक्षर नाद ब्रह्म है मैं अक्षर की उपासना करता हूँ! मैं…
सफलता निजी नहीं होती - लेख - श्याम नन्दन पाण्डेय
बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दें, उनका चरित्र निर्माण करें ईमानदारी और मेहनत करना सिखाएँ। रिश्ते और रिश्तों की क़दर करना सिखा…
समय धारा प्रवाह बहती नदी है - लेख - सुनीता भट्ट पैन्यूली
समय धारा प्रवाह बहती हुई अविरल नदी है जिसकी नियति बहना है जो किसी के लिए नहीं ठहरती है। हाँ! विभिन्न कालखंडों में विभाजित, विविध घाटों…
रावण, ज्ञान और अधर्म - लेख - सिद्धार्थ 'सोहम'
रावण, लंकेश, दशानन इत्यादि नामों से प्रसिद्ध ऋषि पुलस्त्य का वंशज, वेदांग का ज्ञाता, भक्ति और शक्ति में लीन, परम प्रतापवान नीति पारंगत…
अपना सुधार सर्वोत्तम सेवा - कविता - उमेश यादव
अपना सुधार सर्वोत्तम सेवा, सुखमय घर संसार है। स्वयं बदलना मानवता पर, बहुत बड़ा उपकार है॥ समझें मन के भावों को हम, सही मार्ग अपनालें। …
भागमानी माँ-बाप - लघुकथा - ईशांत त्रिपाठी
चूँकि वेद सुबह से शाम तक माँ के फ़ोन का कोई उत्तर नहीं दिया था इसलिए माँ-पिता जी की चिंता दूर पढ़ने गए इकलौते बेटे के प्रति डाँट के रूप…