संदेश
रूप की रवानी - घनाक्षरी छंद - सुशील कुमार
काले कजरारे नैना गाल है गुलाबी और, दामिनी से दाँत चमकाय रही गोरी है। अंग-अंग कुसुमित फूले फुलवारी ज्यो, ख़ुशबू से मन को लुभाय रही गोरी …
नशा मुक्ति - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
लगी लतें द्रग नशा की, नौनिहाल इस देश। तम्बाकू गाजा चरस, नशाबाज़ परिवेश॥ गज़ब नशा वातावरण, यौवन वय मदपान। अल्कोहल मदिरा नशा, रत जीवन अव…
बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर - दोहा छंद - सुशील शर्मा
महू में जन्में आप थे, जीवन था संघर्ष। छूआछूत की पीर से, मन में भरा अमर्ष॥ शिक्षा के हथियार से, पाया उच्च मुकाम। ज्ञान-साधना से रचा, स्…
माँ की महर - देव घनाक्षरी छंद - पवन कुमार मीना 'मारुत'
माता ममतामयी मूरत मनोहर मान, मन-मन्दिर महान मध्य में महर-महर। मानवता मधुरता महानता महीश्वरी, माता मन मत दुखाओ दिल दहर-दहर। माता प्रेम …
होली - कुण्डलिया छंद - सुशील शर्मा
1 फागुन लिखे कपोल पर, प्रेम फगुनिया गीत। दहके फूल पलाश के ,कहाँ गए मन मीत॥ कहाँ गए मन मीत, फगुनिया हवा सुरीली। भौरों की गुंजार, हँसे म…
होली का त्यौहार - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
धर्म सनातन पर्व शुभ, होली का त्यौहार। धवल रक्त पीला हरित, फागुन रंग बयार॥ भारत जन उल्लास मन, फागुन होली रंग। भींगे रंगों से वदन, गुलशन…
शिव विवाह शिवरात्रि में - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | महाशिवरात्रि पर दोहे
महशिवरात्रि पर्व शुभ, पावन फागुन मास। गौरी शिव परिणय दिवस, धर्म सनातन ख़ास॥ मिले शान्ति सुख सम्पदा, मिटे विघ्न दुख ताप। पूजें श्रद्धा भ…
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