संदेश
लगता प्यारा ये चाँद है - कविता - डॉ॰ राजेश पुरोहित
आसमान का मोती चाँद है, रजत सा चमके देखो चाँद है। परछाई पानी मे दिखे तो, लगता प्यारा ये चाँद है। नीलगगन में चाँद है प्यारा, संग सितारे …
चाँद - कविता - डॉ॰ राजेश पुरोहित
चुपके-चुपके शशि किरण ने आँगन ने डेरा डाला, सपनों के ताने-बाने को देखो कैसे बुन डाला। चंचल चित में भाव हिलोरें चाँद ढेरों ले आया, अरमान…
बड़ा सलोना चन्दा मामा - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
बड़ा सलोना चन्दा मामा, कहाँ अभी तुम जा रहे हो। सुन्दर मुखरा चमकदार तुम, अभी कहाँ से आ रहे हो। नील रंग आकाश बड़ा सा, तारों से बस भरा पड़ा…
मैं तेरा चाँद हूँ - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
मैं तेरा चाँद हूँ, तू मेरी चाँदनी। तू रोशनी बनकर जगमगाती रहे।। मैं तेरा राग हूँ, तू मेरी रागिनी। तू सरगम बनकर गुनगुनाती रहे।। मैं तेरा…
चाँद मिरा हैं - कविता - कर्मवीर सिरोवा
मुबारक़ हो आसमाँ, तिरे हिस्से में हो हुजूम-ए-अंजूम-ओ-चराग़, तिरे सीने में रहे आफ़ताब पर चाँद मिरा हैं हो गया आगाज़। उनके हिस्से आएँ राम…
हाथ मलता रहा चाँद - नज़्म - सुषमा दीक्षित शुक्ला
रात भर हाथ मलता रहा चाँद है। चाँदनी रूठकर गुम कहीं हो गयी। सारे तारे सितारे लगे खोजने। रातरानी छिपी या कहीं खो गयी। मीठे मीठे मोहब…
करवा चौथ का चाँद - कविता - अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी"
आ गया करवा चौथ का चाँद बढ़ा रहा सुहागनों की मुस्कान। देख चेहरे की मधुर मधुर मुस्कान चाँद भी हो विभोर छुपता जा रहा। हो मस्त सृष्टि श्रृं…