डॉ॰ राजेश पुरोहित - भवानीमंडी, झालावाड़ (राजस्थान)
लगता प्यारा ये चाँद है - कविता - डॉ॰ राजेश पुरोहित
शुक्रवार, जनवरी 21, 2022
आसमान का मोती चाँद है,
रजत सा चमके देखो चाँद है।
परछाई पानी मे दिखे तो,
लगता प्यारा ये चाँद है।
नीलगगन में चाँद है प्यारा,
संग सितारे रखता प्यारा।
झर-झर बहते फिर अँखियों से,
मेरा चाँद है राज दुलारा।
चन्द्रकला से घटता बढ़ता,
लगता सुन्दर लगता प्यारा।
पूर्णमासी को पूरा होता,
पूर्णिमा का चन्द्र है प्यारा।
देखिये हर रोज साहित्य से जुड़ी Videos