संदेश
कब तक चलेगा खेल - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ऐ! चाँद आज न जाने क्यूँ निःशब्द सी हूँ। तुझे देखकर बस यूँ ही स्तब्ध सी हूँ। कभी उनका तो कभी खुद का एक अक्स सा तुझमें उभरता है। बस फिर…
पूनम का चाँद - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
आज पूनम है नज़र आता चाँद, शरद ऋतु का गज़ब ढाता चाँद। कभी घटता तो कभी बढ़ जाता है, चन्द्र कलाएँ नित नई-नई करता है। पूर्ण चाँद आज की शाम ही…
पूनम की चाँद - दोहा - संजय राजभर "समित"
सुहाग सेज पर बैठी, जब पूनम की चाँद। तब पूरी हुई मेरी, वर्षो की फरियाद।। आज जगत निहार रहा, कौन धनी है यार? घनी अमावस की निशा, पूनम की उ…
अदला बदली - कविता - डॉ. अवधेश कुमार अवध
सुबह जगाने आता सूरज, शाम सुलाने आता चंदा। गर अदला-बदली हो जाए, झूम - झूमकर गाए बंदा।। पता नहीं सूरज को निश दिन, इतनी सुबह जगाता …
चंदा मामा - बाल कविता - कपिलदेव आर्य
चंदा मामा, चंदा मामा, तुम हो कितने प्यारे मामा! दूर गगन में चम-चम चमके, जग से न्यारे-न्यारे मामा! हमको लोरी देकर मामा, तुमको आता ख़ूब…
चाँद से गुजारिश - कविता - डॉ. रवि कुमार रंजन
ऐ चाँद उसे तु ढूंढ के ला ऐ मन को तु मन से बहला मन ही मन मे टूट चुका हु इसकी कोई ईलाज बता ऐ चाँद उसे तु ढूंढ के ला ऐ मन को तु मन…
है धवल चाँद मुरझाया सा - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
चाँद मौन बना आकाश में , शीतल चन्द्रिका मलिन हुई। शोकाकुल देख निशाचर को, निशिचन्द्र प्रिया निशि पिघल…