करवा चौथ का चाँद - कविता - अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी"

आ गया करवा चौथ का चाँद
बढ़ा रहा सुहागनों की मुस्कान।

देख चेहरे की मधुर मधुर मुस्कान
चाँद भी हो विभोर छुपता जा रहा।

हो मस्त सृष्टि श्रृंगार महका रहा
समर्पण का भाव  दिखला रहा।

हाथों में मेंहदी, कर सोलह श्रंगार
देखो कैसे करा रहा चाँद इन्तजार।

हाथों में ले पूजा की सजी थाली
कर रही सुहागनें दीदार की बारी।

अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी" - कानपुर नगर (उत्तर प्रदेश)

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