रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)
मन-मंदिर - जलहरण घनाक्षरी छंद - रमाकांत सोनी
शनिवार, अगस्त 28, 2021
आस्था विश्वास रहते, प्रेम सद्भाव बहते,
मनमंदिर में जोत, जगाते चले जाइए।
महकते पुष्प खिले, ख़ुशबू जग में फैले,
शब्द मोती चुन चुन, रिश्तों को महकाइए।
चंदन अक्षत रोली, धूप दीप नैवेद्य से,
जगत करतार की, सब आरती गाइए।
मोदक माखन मेवा, मिश्री अरु नारियल,
छप्पन भोग प्रभु को, मुदित हो लगाइए।
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