पितृ भक्ति - कविता - रूपेश कुमार

आजकल चर्चा में है एक नाम
ज्योति कुमारी है जिसका नाम
कर दिया उसने ऐसा काम
बन गई उसकी नई पहचान
देश विदेश में हो रहा गुणगान
जिसे देख लोग हो रहे हैं हैरान
लॉक - डाउन से होकर परेशान
साइकिल पर बिठा-कर बीमार पिता
वापस लाई अपने ग्राम
कोसों दूर से लेकर आई
रास्ते में बिल्कुल ना घबराई
7 दिन का समय लगाई
उसने समाज को दिशा है दिखाई
सारी बाधाओं को पार किया
पिता की इच्छा को साकार किया
सब उसकी हिम्मत की दाद दे रहे
सब लोग उसको उपहार दे रहे 
बेटा-बेटी वाली सोच पर यह बहुत बड़ा प्रहार है
जहां चाह वहां राह को किया उसने साकार है
यदि मन में है विश्वास और अटूट लगन 
तो निश्चित ही सफलता चूमेगी आपके कदम
इस बेटी की पितृ भक्ति को
करते हैं हम शत-शत नमन
यह प्रकरण हमें यह सीख है देती,
मौका मिलने पर, हर बेटी बन सकती है ज्योति,
हर बेटी बन सकती है ज्योति ।।

रूपेश कुमार

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