संदेश
तुम साथ हो जाना - कविता - मेहा अनमोल दुबे
जब रंग अपनी छटा बिखेरें, तुम साथ हो जाना, जब नील गगन सफ़ेद रंग सजाए, तुम साथ हो जाना, अमलतास जब सफ़ेद पीले गुच्छों को धरती पर बिखेरें, …
होली - कविता - गणेश भारद्वाज
सद्भावों की माला होली, ख़ुशियों की है खाला होली। रंग बसे हैं रग-रग इसकी, रंगों की है बाला होली॥ मन के शिकवे दूर करे यह, मस्ती में फिर च…
अनुसरण कृष्ण का - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
शिथिल पाँव भोग के, विस्मरण भाव शोक के। कर्म से गति का अवसर, सम्यक ध्यान अहरहर। अनुसरण कृष्ण का। होली, अग्नि दहन ईर्ष्या का, उचित प्रयो…
चढ़ा प्रेम का रंग सभी पर - गीत - सुशील शर्मा
चढ़ा प्रेम का रंग सभी पर होली आई रे भैया मन मिश्री तन रंग लगाए नाचें साथी छम-छम-छम यौवन का उल्लास समेटे बजे मृदंगा डम-डम-डम प्रेम, मौ…
होली आई रे - गीत - अजय कुमार 'अजेय'
होली आई रे होली आई रे। मस्ती छाई रे मस्ती छाई रे। रंगों से भरी पिचकारी, छोरा-छोरी चोरी मारी। गुब्बारे में भर-भर रंग सारे, हुरियारे साध…
श्रद्धा भक्ति प्रेममय होली है - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
ब्रज होली है रंगों का त्यौहार राधा संग खेलें होली रे। गोरी राधा हृदय गोपाल मन माधव प्रिय हमजोली रे। मोहे रंग दे गुलाल गाल फागुनी होल…
सुरक्षित होली प्रदूषणमुक्त होली - कविता - डॉ॰ विजय पण्डित
आओ सब मिल हँसी ख़ुशी सुरक्षित होली मनाएँ पर ध्यान रहे हरा पेड़ होलिका की भेंट चढ़ने ना पाएँ, होलिका दहन की अग्नि से दूर हो सब संताप नफरत…
तो समझो की ये होली है - गीत - उमेश यादव
नयनों में ख़ुमारी छाए, साँसों में भी उष्णता आए। मन मिलने को अपनों से, होकर अधीर अकुलाए॥ लहरों सा हिलोरे ले मन, तो समझो की ये होली है॥ म…
होली खेले कान्हा - गीत - प्रवल राणा 'प्रवल'
आज बिरज में होली खेले कान्हा। होली खेले कान्हा ठिठोली करें कान्हा॥ कौन के हाथ में देवे पिचकारी, कौन के हाथ गुलाल देवे कान्हा। कान्हा क…
होली आई रे - कविता - रविंद्र दुबे 'बाबु'
कली केशरिया बने रंग पिचकारी जात-पात भूल, सब गाए संगवारी रंग बिरंगी फूलों सा, ख़ुशहाली महके फागुनवा छाई झमाझमा, होली रे... होली आई रे..…
होली का त्योहार मुबारक - कविता - देवेश द्विवेदी 'देवेश'
होलियारों की शान मुबारक, होली वाली तान मुबारक। रंग बिरंगी सबको भाती रंगों की दुकान मुबारक। सभी अधूरी आस मुबारक, सरहज साली सास मुबारक। …
होली आई - कविता - आशाराम मीणा
लंबी रातें छोटी हो गई मौसम ने ली अँगड़ाई, शरद ऋतु ने ली रवानी बसंत की आहट आई। सतरंगी मौसम में देखो होली आई होली आई॥ सुनहरी फ़सलें खेतों…
वृंदावन में होरी आई होरी आई रेें - गीत - हिमांशु चतुर्वेदी 'मृदुल'
वृंदावन में होरी आई होरी आई रे होरी आई रे अरे होरी आई रे... वृंदावन में होरी आई होरी आई रे। ग्वाल बाल संग कान्हा गोकुल में आवेंगें सखी…
धूमिल सी होने लगी होली की यादें - आलेख - डॉ॰ शंकरलाल शास्त्री
होली का नाम सुनते ही चंग और झांझ, मंजीरों के साथ धमाल का गाया जाना हमें आज भी अच्छे से याद है। बचपन की उन स्मृतियों को ताज़ा करते हैं त…
होली आई है - घनाक्षरी छंद - डॉ॰ सुमन सुरभि
1 चहुँ दिश उड़ रहा, रंग औ गुलाल सखी, सतरंगी चुनरी में, सज होली आई है। लाल हैं कपोल और, पीत रंग दिव्य भाल, कंचुकी भी प्रीत भरे रंग में, …
राधा कृष्ण की होली - कविता - आशीष कुमार
फागुन महीना है मस्त मस्त आला, निकला है रंगने गोकुल का ग्वाला। हाथों में उसके कनक पिचकारी, जाएगी बच के कहाँ बृजबाला। राधा ने मटकी में र…
इक गुलाल की पुड़िया - गीत - डॉ॰ मान सिंह
बातें ख़ूब रंगीली होंगी उसकी सभी सहेली होंगी, जाने किनके लिए सभी ये इक अनबूझ पहेली होंगी। इठलाती-इतराती वो है, इक जादू की पुड़िया। अब भी…
फागुन की बहार - कविता - शीतल शैलेन्द्र 'देवयानी'
आज रंग अबीर गुलाल मन को हृदय को कोर कोर रंग गयो, चुपके से कोई भँवरा आयो मन मयूर सा मचल गयो। रंगों रगींली छैल छबीली उसके रंगों में रंग …
होली - कविता - गोलेन्द्र पटेल
फाल्गुनी लोरी की लय में होरी सुना रही है आँगन में बन रही है रंगोली ख़ूब उड़ रही है रोरी चेहरे पर अबीर ही अबीर है रूप में रंग ही रंग एक …
आई होली है - गीत - ललित रंग
आई होली है बरसों के बाद रे, नाचो गाओ सब झूमो तूं आज रे। आज कहना ना कोई बदनाम रे, झूमे मस्ती में सारा जहान रे।। डाली-डाली उपवन उपवन छाई…