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विधा/विषय "मौत"
यही सच है - कविता - पारो शैवलिनी
मंगलवार, जून 08, 2021
यही सच है, कि- ज़िन्दगी है तो मौत भी होगी। फिर, मौत से डरना कैसा? बावजूद, हमने देखा है हर शख़्स को ताकते हुए दूर कहीं शून्य में। जीवन …
मौत का तांडव - नज़्म - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सोमवार, मई 10, 2021
दिख रहा मौत का कैसा तांडव हाय ये किसने क़यामत ढाया। बेबसी क्यूँ कर दी कुदरत तूने, हाय कैसा ये कैसा क़हर छाया। मौत की चीखें सुनी हैं हर …
मौत और ज़िन्दगी - गीत - सतीश मापतपुरी
बुधवार, जनवरी 20, 2021
नाश और विध्वंस ही निर्माण का आरम्भ है। मौत ही तो ज़िन्दगी का इक नया प्रारम्भ है। हम खिलौना हैं किसी के हाथ का। छूटता जो ग़म न कर उस साथ …
मौत - कविता - मधुस्मिता सेनापति
शुक्रवार, अगस्त 07, 2020
अब कुछ ऐसा लगता है जैसे मौत मुझे बुला रही है चल उस अनजानी जगह पर जहां मेरे सिवा कोई और नहीं है .....!! चल छोड़ भी देते हैं इस द…