संदेश
विधा/विषय "मिट्टी"
मिट्टी की ख़ुश्बू - कविता - मेघना वीरवाल
सोमवार, सितंबर 12, 2022
महका देती है साँसों से गुज़र मिट्टी की ख़ुश्बू रोम-रोम को मेरे भाव विभूर कर देती जब बरखा की एक बूँद का स्पर्श अंदर तक समा लेती है। …
मिट्टी अपने देश की - गीत - महेश 'अनजाना'
रविवार, अगस्त 15, 2021
जज़्बों से भरी है, मिट्टी अपने देश की, सिर से लगाते हैं, मिट्टी अपने देश की। देश पे ख़तरा जब जब आए जान लो, टीका लगाएँ हम, मिट्टी अपने …
माटी का घर - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
मंगलवार, नवंबर 03, 2020
याद आता है माटी का वो घर जिसमें हमारा बचपन बीता। मोटी मोटी दीवारों वाला वो खपरैल का घर उसी माटी वाले घर में हम पले, बढ़े, खेले कूदे और…
मिट्टी के दीये - कविता - श्याम "राज"
मंगलवार, अक्तूबर 20, 2020
दीप जलाओ खुशियों के मिटा दो अंधियारे दिलों के देखो ! आ गई है दिवाली फिर खुशियों की बारात ले के रंग रोगन देखो सब पुराने हुए चलो फिर से…