संदेश
जो न समझते पाक मुहब्बत - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
जो न समझते पाक मुहब्बत, उन ख़ातिर है ख़ाक मुहब्बत। जिन्हे तजुर्बा नहीं इश्क़ का, उनको रहती ताक मुहब्बत। नफ़ा खोजते हैं जो इसमें, उनकी…
प्यार में कोई दवा क्या है दुआ क्या है - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ा तक़ती: 2122 2122 2122 2 प्यार में कोई दवा क्या है दुआ क्या है, जो हुआ उसमें बुरा क्या है भल…
उसने जब-जब कोई मुझसे सवाल पूछा है - ग़ज़ल - डॉ॰ राकेश जोशी
अरकान : फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन तक़ती : 212 1222 212 1222 उसने जब-जब कोई मुझसे सवाल पूछा है, मैंने तब-तब पलट के उसका हाल पूछ…
झाँक कर दिल में कभी मैं देखूँ जब भी आरज़ू - ग़ज़ल - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती : 2122 2122 2122 212 झाँक कर दिल में कभी मैं देखूँ जब भी आरज़ू, पा ही जाता हूँ हम…
गुड़ शहद और मिश्री जैसी मीठी अपनी भाषा है - ग़ज़ल - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती : 2122 2122 2122 212 गुड़ शहद और मिश्री जैसी मीठी अपनी भाषा है, शुद्ध सुंदर अति म…
हमदर्द बन के कोई, हमें दर्द दे गया - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
अरकान: मफ़ऊल फ़ाइलातु मुफ़ाईलु फ़ाइलुन तक़ती: 221 2121 1221 212 हमदर्द बन के कोई, हमें दर्द दे गया, खुख चैन छीन, आह हमें सर्द दे गया…
दीवारों से कान लगाकर बैठे हो - ग़ज़ल - डॉ॰ राकेश जोशी
अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ा तक़ती : 22 22 22 22 22 2 दीवारों से कान लगाकर बैठे हो, पहरे पर दरबान लगाकर बैठे हो। इसस…